जल,पृथ्वी,अग्नि,वायु और आकाश, मनुष्यों को कर्मों की सजा देने के लिए तैयार खड़े हैं: बाबा उमाकांत जी
धर्म-कर्म : देवताओं को खुश करने का तरीका बताने वाले, लोगों के बद से बदतर होते कर्मों की वजह से कुदरत की बढ़ती नाराजगी और फिर मिलने वाली कड़ी सजा…
धर्म-कर्म : देवताओं को खुश करने का तरीका बताने वाले, लोगों के बद से बदतर होते कर्मों की वजह से कुदरत की बढ़ती नाराजगी और फिर मिलने वाली कड़ी सजा…