लखनऊ। आज देश में मां-बाप की हालत क्या है ये तो सबको पता है. एक वो बच्चे हैं जिन्हें मां-बाप नहीं सिर्फ उनकी संपत्ति चाहिए और दूसरे वो जिनके लिए उनके माता पिता किसी भी चीज से ज्यादा बढ़कर हैं. जिन्हें संपत्ति नहीं, सिर्फ मां बाप चाहिए. आज के आधुनिक होते भारत के बच्चे अपने माता-पिता को एक बोझ की तरह देख रहे हैं. ऐसा बोझ जिसे वो ढोना नहीं चाहते.

ऐसा ही एक मामला गोंडा से आया है जंहा चार बच्चों द्वारा घर से निकाले गये 74 वर्षीय पिता को पुलिस अधीक्षक गोण्डा ने स्वयं मौके पर पहुंच कर दिलाया न्याय पुलिस कार्यालय में पुलिस अधीक्षक गोण्डा संतोष कुमार मिश्रा द्वारा की जा रही जनसुनवाई के दौरान एक 74 वर्षीय बृद्ध हरीप्रसाद पुत्र दातादीन निवासी ग्राम धानेपुर ठठेरी थाना धानेपुर जिला गोण्डा ने उपस्थित होकर उसके लड़को द्वारा उसको घर से निकाल देने के सम्बन्ध में अपनी पीडा बतायी।

पीडित बृद्ध ने बताया कि उसके चार लड़के है जिसमें से तीन लडके बैंक मे व एक लडका विद्युत विभाग में कार्य करता है। इन सभी ने मिलकर पैतृक घर पर कब्जा कर मुझे घर से बाहर निकाल दिया है। विरोध करने पर मुझे मारते-पीटते है तथा खाना-पानी भी नही देते है। इस बुजुर्ग फरियादी की पीडा को सुनकर पुलिस अधीक्षक स्वयं वृद्ध हरी प्रसाद को साथ लेकर उसके घर धानेपुर ठठेरी पहुंचे तथा वृद्ध के लडको को बुलवाकर बुजुर्ग की रहने एवम् खाने-पीने की उचित व्यवस्था कराकर घर में उन्हें स्थापित कराया।

साथ ही उपस्थित परिजनो से वार्ता कर भविष्य में बुजुर्ग हरी प्रसाद का ख्याल रखने एवम् किसी भी प्रकार से परेशान न करने की हिदायत दी। जिस पर उपस्थित सभी परिजनो ने अपनी गलती की माँफी मागते हुए भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न करने का वचन भी दिया। बुजुर्ग हरीप्रसाद ने इस न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक गोण्डा का सहृदय धन्यवाद दिया।

 

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