लखनऊ: बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि यदि हिंदुओ और मुसलमानों के पूर्वज एक हैं तो उनके लिए अलग क्यों है भाजपा,आरएसएस का रवैया? इसी के साथ उन्होंने ऐलान किया कि बसपा की सरकार बनने पर किसानों पर थोपे गये कृषि कानून वापस होंगे। बसपा सुप्रीमो ने किसानों का मुद्दा उठाया। मायावती ने किसानों के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि हमने अपनी सरकार में किसानों के लिए उचित खरीद दर रखी थी बल्कि भाजपा ने तबसे एक रुपया भी नहीं दिया।

मायावती ने कहा कि मैं मोहन भागवत से पूछना चाहती हूं कि हिंदुओ और मुसलमानों के पूर्वज एक हैं तो आरएसएस, बीजेपी मुसलमानों के साथ दूसरा रवैया क्यों अपना रही है? उन्होंने कहा कि फरवरी से मैं लखनऊ में हूं। पार्टी का काम कर रही हूं। जबकि लोग प्रचार कर रहे हैं कि मैं घर से नहीं निकल रही हूं। अगर हम बड़े प्रोग्राम करेंगे तो भाजपा हमारे कार्यकर्ता नेताओं को मुकदमे में फंसा देगी। चुनाव घोषित होने पर हम बड़े कार्यक्रम करेंगे। 9 अक्टूबर को काशीराम की पुण्य तिथि है उस दिन हम लखनऊ में बड़ा कार्यक्रम करेंगे।

मायावती ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, महापुरुषों के सम्मान में हमने पिछली चार सरकार में पार्क, संग्राहलय,मूर्ति थोक के भाव स्थापित किए। अब पाँचवी सरकार में उनके देख रेख का ख्याल रखेगें। मायावती ने कहा कि ज्यादा विकास पर काम करेगें जिससे लोग कहें कि सरकार हो तो बसपा जैसी। हमारी सरकार बनने पर बाकी बचे वर्गों के महापुरुषों का भी सम्मान होगा। मायावती ने कहा अगर बाकी धर्म के लोग भी चाहते हैं कि उनके महापुरुषों को सम्मान दिया जाये तो उनके लिए भी जो जरूरत पड़ेगी किया जायेगा।

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