लखनऊ। रायबरेली जिले के सलोन कोतवाली क्षेत्र में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में विजयी प्रत्याशी को ग्राम प्रधान पद की शपथ दिलाई गई। साथ ही उन्हें जनता की सेवा व कर्तव्यों के निष्ठा के साथ पालन को प्रेरित भी किया गया। लेकिन पद के मिलते ही वे सब भूल गए और अपना रंग दिखाना शुरू कर दिए। जिससे कोतवाली परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई। सोमवार देर रात अतररिया बहादुर गांव निवासी पीड़िता बबिता अपने परिजनों के साथ तहरीर देते हुए बताई कि खड़ंजे के विवाद से खफा होकर ग्राम प्रधान पति मेवालाल अपने पुत्रों व समर्थकों के साथ उसके घर में घुस आया और मारपीट करने लगा। इतना ही नहीं पीड़िता ने बताया कि घटना के दौरान आरोपित ने घर पर रखे कुछ गहने भी अपने साथ उठा ले गया। इसी दौरान ग्राम प्रधान भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सलोन‌ कोतवाली पहुचें और उनके साथ आए ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव कर जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं, ग्राम प्रधान पति ने उस पर लगे सभी आरोपों को निराधार करार दिया।

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दरअसल, जिले के सलोन कोतवाली क्षेत्र के अतररिया बहादुरपुर ग्राम सभा निवासी बबिता अपने परिजनों के साथ सोमवार देर रात सलोन कोतवाली पहुची और उसने ग्राम प्रधान पति मेवालाल व उनके पुत्र अनुज व अन्य परिजनों पर दीवाल के विवाद के चलते मारपीट करने व गहने ले जाने की शिकायत की।
मामले पर पुलिस जांच कर ही रही थी कि इसी बीच आरोपित प्रधान पति मेवालाल अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कोतवाली पहुच गया। समर्थक प्रधान के पक्ष में जमकर नारेबाजी करने लगे और कोतवाली का घेराव कर लिया, जिससे कोतवाली परिसर में अफरा-तफरी मच गई। वहीं, मामले पर प्रधान पति मेवालाल ने बताया कि ग्रामीणों के कहने पर इंटरलॉकिंग का कार्य कराया जा रहा था, लेकिन मथुरा प्रसाद व उसके परिजनों ने कार्य को बाधित किया। जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने विवाद शुरू कर दिया और कोतवाली में झूठी शिकायत कर दी। फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि क्या पुलिस ग्राम प्रधान के ऊपर कार्रवाई करती है या फिर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।https://gknewslive.com

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