लखनऊ : World Heritage Week (विश्व धरोहर सप्ताह) के अवसर पर तारीखी इमारतों और विरासतों को बचाना बेहद जरूरी ताकि आने वाली नस्लों के काम आ सके। भारत 1977 से वर्ल्ड हेरिटेज का एक मेंबर है। विश्व धरोहर सप्ताह मनाने का मकसद यह है की लोगों को और खास कर नौजवानों को तारीखी इमारतों एवम विरासतों से रूबरू कराने का मौका मिले और इसकी हिफाजत करने में सभी लोगों का कोऑपरेशन मिल सके। विश्व धरोहर सप्ताह के अवसर पर सल्तनत मंजिल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन, लखनऊ में हुई मीटिंग में नवाबज़ादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट ने आगे कहा की लखनऊ की तारीखी इमारतों और विरासतों का रख रखाव सही तरीके से हो ताकि यह कभी बदरंग न हों और हमेशा खूबसूरत दिखें।

टूरिस्ट स्पॉट को हमेशा साफ सुथरा रक्खा जाएऔर लोगों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो, उन्होंने आगे कहा की लखनऊ शहर की खूबसूरती इन आलमी शोहरत याफता इमारतों व विरासतों से है। जब यह इमारतें चमकेगी तो लोगों को फख्र महसूस होगा और हर किसी को लखनऊ आने पर खुशी का एहसास होगा। इन तारीखी इमारतों व विरासतों के तहफ्फुज में सभी तबके का कोऑपरेशन बेहद जरूरी है और लोगों में बेदारी लाना भी बेहद जरूरी है। इस काम में सबसे एहम रोल नौजवानों व छात्रों को निभानी होगी।नवाबज़ादा रज़ा ने आगे कहा की भारत सरकार व सूबे की सरकार ही नहीं हम सबकी जिम्मेदारी है की हम अपनी तहजीब व शफाकत और विरासत को बचाएं ताकि आने वाली नस्लों के काम आ सके। हमें हर हाल में अपनी तारीखी इमारतों व विरासतों को बचाना है।

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