लखनऊ 03 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज को भलीभांति चलाने के लिए हमारे पूर्वजों ने चार आश्रमों की व्यवस्था दी थी। उन्होंने दैनिक जीवन को सुचारु रखने के लिए कुछ नियम, आदर्श और नैतिक मूल्यों की स्थापना की थी। इन्हीं व्यवस्थाओं और मूल्यों के अन्तर्गत आचरण किया जाता था। कालान्तर में अलग-अलग व्यवस्थाएं हावी होती गयीं, जिससे सामाजिक मूल्यों में गिरावट आयी। इस गिरावट के चलते समाज में नशे की आदत बीमारी की तरह फैलने लगी।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां ‘नशा मुक्त समाज आन्दोलन’ के प्रथम संकल्प समारोह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज युवा पीढ़ी को नशा निगल रहा है। नशा करने वाले युवक न केवल अपना नुकसान कर रहे हैं, बल्कि वह समाज व राष्ट्र की भी क्षति कर रहे हैं। समाज के हर जागरूक नागरिक का यह दायित्व बनता है कि वह नशामुक्ति अभियान के साथ न सिर्फ जुड़े बल्कि सम्पूर्ण योगदान दे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक लोगों के मन में यह भाव पैदा न हो कि उन्हें नशे से दूर रहना है, तब तक नशे से मुक्ति सम्भव नहीं है। समाज को नशे से बचाने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका तय करनी होगी, तभी समाज से नशे जैसी बुराई को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक युवा को यह संकल्प लेना होगा कि न तो वह स्वयं नशा करेगा और न ही किसी अन्य को ऐसा करने देगा। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वह अपना भविष्य सुरक्षित करें, और नशे से दूर रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी का यह दायित्व है कि वे युवा पीढ़ी को नशे से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करें, और इस बुरी आदत को छोड़ने के लिए प्रेरित करें। नशामुक्ति अभियान स्वतः स्फूर्त आन्दोलन की तरह चलना चाहिए। प्रधानमंत्री जी द्वारा भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में युवा पीढ़ी की नशे की प्रवृत्ति पर चिन्ता व्यक्त की गयी है। उन्होंने कहा कि युवाओं की प्रवृत्तियां देश की दिशा तय करती हैं। नशा समाज को नष्ट करता है। नशे के उन्मूलन के लिए हम सब को संकल्प लेना होगा। नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान प्रभावी ढंग से लागू करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरूकता लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। नशा व्यक्ति के विवेक को हर लेता है, सोचने, समझने की शक्ति खत्म हो जाती है। जागरूक बनाने से लोग नशे से बचेंगे। युवा पीढ़ी को विभिन्न प्रकार के नशों के सेवन से होने वाले नुकसान के विषय में भी आगाह करना होगा। नशे से परिवार के परिवार बिखर जाते हैं। नशा अनेक अपराधों को जन्म देता है। परिवारों की आर्थिक स्थिति को जर्जर कर देता है। परिवार के किसी सदस्य की नशे के कारण असामयिक मृत्यु से परिजन टूट जाते हैं। उन्होंने कहा कि नशे से होने वाले नुकसान के विषय में लोगों को खासकर युवाओं को जागरूक करते हुए समाज को नई दिशा देनी होगी। नशे के कुचक्र को हर हाल में रोकना होगा। नशा समाज की प्रगति में बाधक है। साथ ही, यह नैतिक पतन का कारक भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में ‘नशामुक्ति केन्द्र’ मौजूद हैं। इन्हें सक्रिय करते हुए प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नशामुक्त समाज आन्दोलन समाज को सही दिशा में ले जाते हुए नशा मुक्त बनाने का अभियान है। यह एक सकारात्मक प्रयास है। हम सभी को इससे जुड़कर समाज को नशा मुक्त बनाने में अपना सक्रिय योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभागार में मौजूद युवा संकल्पकर्ताओं को नशा मुक्त समाज बनाने का संकल्प भी दिलवाया। ज्ञातव्य है कि यह अभियान सांसद कौशल किशोर द्वारा अपने दिवंगत पुत्र स्व0 आकाश किशोर की स्मृति में चलाया जा रहा है। इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, विधायक जयदेवी कौशल सहित कई स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे।