लखनऊ: सूबे की राजनीति में गुरुवार को लंबे समय के बाद एक बड़ा उलटफेर हुआ लंबे समय के बाद एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला। सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव खुद अपने कार्यालय से निकलकर अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे। उनके साथ एक घंटे तक विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन हुआ। राजनीतिक हलकों में इस घटनाक्रम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि शिवपाल यादव का साथ मिलने के बाद अब अखिलेश पूरे तेवर के साथ बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरेंगे।
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021
हालांकि बीजेपी का दावा है कि पहले भी सपा-बसपा के गठबंधन का हश्र यूपी में जनता देख चुकी है। इसलिए चाचा-भतीजे के इस गठबंधन का बीजेपी पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। मिशन 2022 के लिए एक साथ जुटेंगे अखिलेश-शिवपाल हालांकि बीजेपी के सूत्रों की माने तो अंदरखाने बीजेपी अब इस बात पर मंथन करेगी कि वह कौन सी सीटें हैं जहां शिवपाल और अखिलेश के एक साथ आने से फर्क पड़ेगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव गुरुवार को अपने चाचा शिवपाल को मनाने पहुंचे और करीब एक घंटे तक चाचा और भतीजे के बीच मिशन 2022 में होने वाले चुनाव में गठबंधन को लेकर चर्चा हुई है। बताया जा रहा है कि मुलाकात में ये तय हुआ हैबकी समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी गठबन्धन के साथ चुनाव लडे़गी।