लखनऊ: कोविड-19 जहां लोगों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है वहीं कुछ लोगों को कोविड-19 की बैक्सीन खतरा बन कर सामने आ रहा है ताजा मामला चायल तहसील क्षेत्र के कृष्णा डोली गांव निवासी सोनी देवी का सामने आया है महिला 7 महीने की गर्भवती थी उसने 4 दिसंबर 2020 को कोविड-19 बैक्सीन की पहली डोज लगवाई कोविड-19 बैक्सीन की पहली डोज लगते ही महिला सोना देवी की हालात खराब होने लगी देखते देखते महिला का स्वास्थ्य बेहद खराब हो गया परिजनों को चिंता सताने लगी परिजनों ने उसे इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चरवा में चिकित्सकों को दिखाया लेकिन हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया है.
जहां महिला का इलाज चल रहा है जांच के दौरान चिकित्सकों ने पाया कि महिला के पेट में पल रहा 7 महीने का गर्भ खराब हो गया है जिससे जच्चा बच्चा दोनों को जीवन के खतरा है किसी तरह से चिकित्सकों ने महिला की जान बचा ली है लेकिन पेट में पल रहे 7 महीने के गर्भ को चिकित्सक नहीं बचा सके हैं जबकि कोविड-19 बैक्सीन लगाने के पूर्व महिला के गर्भ की जांच स्वास्थ्य विभाग ने की थी उस समय महिला के पेट का गर्भ ठीक था लेकिन कोविड 19 बैक्सीन लगवाने के 24 घण्टे बाद महिला और उसके पेट के बच्चे की हालत खराब होने लगी जिससे एक बार फिर कोविड-19 बैक्सीन पर सवाल खड़े हो गए हैं जो स्वास्थ्य व्यवस्था की बड़ी जांच का विषय है आखिर किसी स्वस्थ मनुष्य को कोविड-19 की वैक्सीन लगाने के बाद उसे खतरा बन जाए तो यह बड़ा गंभीर चिंतन का विषय है।