लखनऊ:  उत्तर प्रदेश मे विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टीयों मे उथल पुथल शुरू हो चुकी है , इसी बीच कई राजनेताओं ने टिकट की लालसा मे अपनी पार्टी को बीच मझधार मे छोड़ दिया है।

बता दें भारतीय जनता पार्टी के तीन कैबिनेट मंत्री और आठ विधायक ने भाजपा का साथ छोड़ कर समाजवादी का दामन थाम लिया था , जिसके बाद ये चर्चा थी की अब भाजपा के लिए आगामी चुनाव मे कई मुश्किलें उत्पन्न हो सकती हैं । भाजपा के उच्च पदाधिकारी इस समस्या को सुलझा पाते उससे पहले उन्हें एक और झटका मिला ।
इस बार भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता दारा सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी ‘अपना दल (सोनेलाल)’ के विधायक डॉ. आरके वर्मा ने रविवार को अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये.

दारा सिंह ने कहीं बड़ी बातें :-

सपा मुख्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने दारा सिंह चौहान तथा  विधायक आरके वर्मा को अपने-अपने समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल करने की घोषणा की. सपा मे शामिल होने के बाद चौहान ने भाजपा को घेरा और कहा कि 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी तब ‘सबका साथ-सबका विकास’ का नारा दिया गया था, लेकिन कालांतर में साथ तो सबका लिया गया, मगर विकास कुछ चंद लोगों का हुआ.

चौहान ने कहा, ‘सपा मेरा पुराना घर है और हम उत्तर प्रदेश की सियासत को बदलकर अखिलेश यादव को फिर से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनायेंगे.’ उन्होंने कहा कि वह आने वाले दिनों में सभी पिछड़ों और दलित समाज की जनगडना कराएंगे . विरोधी लाख साजिश कर लें, लेकिन यह तूफान रुकने वाला नहीं है, बदलाव होकर रहेगा ।

लेखिका – कीर्ति गुप्ता

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