जीवन शैली : योग-प्राणायाम जो शरीर और मन के बेहतर संतुलन प्रदान करता है । अगर योग-प्राणायाम को नियमित रूप से किया जाए तो इसके बहुत से फायदे होते हैं । प्राणायाम व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करता है और उसकी कार्यक्षमता को भी बढ़ाने में मदद करता हैं। तो आज हम बात करेंगे भ्रामरी प्राणायाम की। भ्रामरी प्राणायाम का नाम मधुमक्खियों से लिया गया है, इस अभ्यास के दौरान मधुमक्खी की तरह गुनगुनाहट जैसी आवाज आती है। भ्रामरी प्राणायाम चिंता और गुस्से को शांत करने के लिए फायदेमंद है।

कैसे किया जाता है भ्रामरी प्राणायाम :

योग विशेषज्ञ के अनुसार , इसका अभ्यास काफी आसान है। इस अभ्यास के लिए किसी शांत स्थान पर आंखें बंद करके बैठ जाएं। अब अपनी तर्जनी उंगलियों को दोनों कानों पर रखें और मुंह बंद रखते हुए नाक से ही सांस लें और छोड़ें। सांस छोड़ने के दौरान ऊँ का उच्चारण करें। इस प्रकिया को 5 से 7 बार दोहराएं।

भ्रामरी प्राणायाम करने के लाभ :

  1. योग विशेषज्ञ की माने तो भ्रामरी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से शारीरिक-मानसिक दोनों ही तरह की सेहत को फायदा होता है।
  2.  भ्रामरी प्राणायाम तनाव को कम करने के साथ ही दिमाग को शांति प्रदान करता है।
  3. यह मस्तिष्क संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है।
  4. यह नसों को शांत करता है
  5. भ्रामरी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से क्रोध में कमी आती है।
  6. यह गहरी नींद को प्रेरित करने में मदद करता है।
  7. भ्रामरी प्राणायाम रक्तचाप को कम करता है, जिससे उच्च रक्तचाप से राहत मिलती है।

( डिस्क्लेमर : दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। जी. के. न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है )

लेखिका – कीर्ति गुप्ता

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *