लखनऊ : मामला दिल्ली के सुभाष प्लेस इलाके का है। जहां घरेलू विवाद में मायके वालों को बुलाना पड़ा भारी। मायके वालों की दखलअंदाजी बना हत्या का कारण । झगड़ा होने के बाद पत्नी ने अपने परिवार वालों को घर बुला लिया जो की आरोपी हितेंद्र (पती) को कतई पसंद नहीं था। बातचीत के दौरान आरोपी के दोस्त ने कुछ कहने की कोशिश की। लेकिन हितेंद्र के सालों ने इसका विरोध किया और घरेलू विवाद में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। इस बात से हितेंद्र और उसके दो बेटों को गुस्सा आ गया और फिर उनके बीच हाथापाई हो गई। पुलिस को दिये बयान में हितेंद्र की सास चंद्रकला ने बताया आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही हितेंद्र सीमा के साथ मारपीट करता था। रविवार को भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। हितेंद्र ने सीमा को बुरी तरह पीटा था। सीमा के फोन करने पर उन्हें समझाने के लिए चंद्रकला अपने बेटों विजय, सुरेंद्र, विजय की पत्नी बबीता और बबीता का भाई चंद्रभान के साथ सीमा के घर पहुंची थी। समझाने के दौरान गरमागरमी होने लगी। इसी दौरान हितेंद्र का दोस्त ललित भी आ गया। विजय ने बाहरी लोगों के घरेलू झगड़े में जरूरत नहीं होने की बात कही। इसी बात पर हितेंद्र और उसके दोनों बेटों प्रथम और जय ने विजय का विरोध किया। जिसके बाद उनके बीच हाथापाई हो गई। चंद्रकला, सीमा और बबीता बीच बचाव करने लगी। हितेंद्र ने कहा कि आज तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा। वह कमरे में जाकर अपनी रिवॉल्वर निकालकर आया और सीमा, बबीता, सुरेंद्र और विजय को जान से मारने की नीयत से गोली मार दी। गोलीबारी होते ही चंद्रभान और परिवार के अन्य सदस्य भागकर दूसरे कमरे में घुस गए। जबकि चंद्रकला चीखते चिल्लाते चौथी मंजिल से नीचे आ गई। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत घायलों को अस्पताल पहुंचाया और कमरे में बंद लोगों को बाहर निकाला। आरोपी उसी कमरे में बैठा हुआ था। पुलिस ने उसके हाथ से पिस्टल लेकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

लेखिका – कीर्ति गुप्ता

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