लखनऊ: अमरोहा जिले के सदर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी से विधायक महबूब अली ने 71 हजार से अधिक वोटों से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राम सिंह को शिकस्त देते हुए जीत का परचम लहरा कर और अपना वर्चस्व कायम रखने में कामयाब रहे और ऎतिहासिक जीत हासिल कर सपा मुखिया अखिलेश यादव पर अपना भरोसा बरकार रखा है।
चुनाव परिणाम के बाद बड़ी जीत के साथ महबूब अली सपा के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरा बनकर उभरे हैं। महबूब अली इसी सीट से पांचवीं बार बड़े अंतर के साथ विधायक चुने गये है पार्टी आलाकमान के भरोसे पर खरे साबित हुए हैं हालांकि उनका विधानसभा में छठवाँ सफर है पूर्व में एक बार कांठ विधानसभा से भी विधायक चुने जा चुके हैं।
महबूब अली को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 2012 की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाकर माध्यमिक शिक्षा जैसे बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी थी। वर्ष 2015 में समाजवादी पार्टी के मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हुआ जिसमें महबूब अली को रेशम उत्पादन टेक्सटाइल मंत्री का कार्यभार सौंपा गया था।जिसकी उन्होंने बखूबी जिम्मेदारी निभाई है विधानसभा की सबसे महत्वपूर्ण कमेटी लोक लेखा समिति के सभापति के पद की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश की विधानसभा और विधान परिषद के नेता विरोधी दल के दोनों पद ख़ाली चल रहे हैं। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहे अहमद हसन के मृत्यु के बाद नेता विरोधी दल विधान परिषद का पद खाली हुआ है। समाजवादी पार्टी का कोर वोटर मुसलमान और यादव है जो चुनाव में हमेशा साथ खड़ा है इसलिये किसी मुस्लिम चेहरे को विधानसभा सभा का नेता विरोधी दल बनाया जा सकता है। विधान परिषद में वरिष्ठ और सदन का जिसे अच्छा अनुभव हो कोई मुस्लिम चेहरा नही है।
ऐसे में महबूब अली मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बेहद करीबी भरोसेमंद और विश्वास के पात्र हैं। महबूब अली जिन्हें सदन का अच्छा अनुभव है। कई बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभा चुके है उन्हें विधानसभा का नेता विरोधी दल बनाया जा सकता है विधान परिषद का नेता विरोधी दल किसी यादव को बनाया जा सकता है।