लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चुनाव बीतने के बाद अब एक बार फिर समाजवादी पार्टी में रार मची हुई है। अखिलेश यादव और उनके चाचा तथा प्रसपा चीफ शिवपाल यादव के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव से अलग हुए चाचा शिवपाल यादव भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी नेताओं को फालो करने के बाद भले ही चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन आने वाले दिनों में बीजेपी इसे अपने लिए एक बड़ी सफलता के तौर पर देख रही है।
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बीजेपी सूत्रों की माने तो बीजेपी अब यादव वोट बैंक से जुडे उन जिलों में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है जहां शिवपाल की पैठ ज्यादा है। संगठन के पदाधिकारियों के मुताबिक यह मोदी के मिशन 2024 के हिसाब से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। यूपी के यादव बेल्ट पर बीजेपी की नजर भाजपा सूत्रों के अनुसार, शिवपाल की पहल पर पार्टी द्वारा करीब से नजर रखी जा रही है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के यादव बेल्ट में इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, फिरोजाबाद और फर्रुखाबाद जैसे जिलों में अपना पैर जमाने की कोशिश कर रही है। दिलचस्प बात यह है कि यादव के सुलह के कदम मुस्लिम वोटबैंक पर जीत के लिए बसपा प्रमुख मायावती की राजनीतिक प्रगति के साथ थे, जिसे हाल ही में संपन्न यूपी चुनावों में सपा के साथ मजबूती से समेकित किया गया है।