उत्तर प्रदेश : आज नेशनल “सिविल सर्विस डे” के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिविल सेवा अधिकारियों से बात की अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की, हम पिछली शताब्दी की सोच और नीति नियमों से अगली शताब्दी की मजबूती का संकल्प नहीं कर सकते हैं इसलिए हमारी व्यवस्थाओं, नियमों और परंपराओं में पहले शायद बदलाव लाने में 30-40 साल लग जाते थे तब ऐसा चलता होगा। लेकिन तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल-पल के हिसाब से चलना पड़ेगा ।

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा की, हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और हमारे सामने तीन लक्ष्य साफ-साफ होने चाहिए। पहला लक्ष्य है कि देश में सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन में बदलाव आए और उसे इसका एहसास भी हो, दूसरा- आज हम भारत में कुछ भी करें, उसको वैश्विक सन्दर्भ में करना समय की मांग है। तीसरा- व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी मुख्य जिम्मेदारी देश की एकता और अखंडता है।

 

लेखिका – कीर्ति गुप्ता

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