लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और रामपुर में 23 जून को लोकसभा उपचुनाव के तहत मतदान होना है। समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव पर दाव लगाया है। ऐसा कहा जा रहा है कि धर्मेंद्र भी इस सीट से उप चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन अखिलेश की जिद्द के आगे उनको झुकना पड़ा। हालाकि आजमगढ़ की सियासत पर नजर डालें तो यादव v/s यादव की लड़ाई में इस सीट पर चाभी सवर्णों के हाथ ही रहेगी।

सवर्णों का जिस तरफ झुकाव हुआ बाजी उसी के हाथ लगेगी। धर्मेंद्र की उम्मीदवारी पर लोग उठा रहे सवाल आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव एक तरह से हाई प्रोफाइल चुनाव बन गया है। बताया जा रहा है कि, स्थानीय लोग धर्मेंद्र की उम्मीदवारी से नाराज भी हैं। इसके पीछे खास वजह उनका स्थानीय न होना है। लोगों का कहना है कि अखिलेश और मुलायम सिंह यादव तक तो ठीक था लेकिन अब धर्मेंद्र की जगह किसी स्थानीय चेहरे को सामने लाना चाहिए था। धर्मेंद्र की आजमगढ़ में उतनी स्वार्यता नही है जितनी अखिलेश की थी। आजमगढ़ सीट पर भी अब सैफई परिवार कब्जा जमाना चाहता है।

 

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