लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटों पर निर्विरोध नामांकन के बाद अब विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) की 13 सीटों के लिए घमासान शुरू हो गया है। सदन में संख्या बल के हिसाब से बीजेपी को एक बार फिर सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी जबकि सपा को चार सीटें मिलेंगी। कांग्रेस और बसपा की झोली पूरी तरह से इस बार भी खाली रहेगी। सपा की ओर से स्वामी प्रसाद मौर्य, रामगोविंद चौधरी और ओम प्रकाश राजभर के बेटे का नाम प्रमुखता से चल रहा है। वहीं बीजेपी की 9 सीटों में से सात मंत्रियों के लिए आरक्षित रहेंगी जबकि बची हुई दो सीटों में सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं अपर्णा यादव का नाम सबसे उपर चल रहा है।
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6 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं 13 सदस्य पार्टी के सूत्रों ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा 20 जून को होने वाले द्विवार्षिक चुनावों में योगी आदित्यनाथ सरकार के कम से कम सात मंत्रियों को यूपी विधान परिषद में नामित करेगी ताकि वे मंत्री बने रह सकें। पिछले हफ्ते, चुनाव आयोग ने 6 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों की सीटों को भरने के लिए विधान परिषदों के द्विवार्षिक चुनावों को अधिसूचित किया था। सेवानिवृत्त होने वाले 13 सदस्यों में छह समाजवादी पार्टी (सपा), तीन-तीन भाजपा और बसपा और एक कांग्रेस का है।