लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने पूर्वांचल में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए राजभरों के नेता ओम प्रकाश राजभर के साथ गठबंधन किया था। ओम प्रकाश राजभर के साथ गठबंधन का ही नतीजा था कि पूर्वांचल में आजमगढ़ और गाजीपुर समेत कई जिलों में बीजेपी का पत्ता गोल हो गया था। लेकिन चुनाव के बाद राज्यसभा और एमएलसी चुनाव के दौरान अखिलेश के साथ उनके मतभेद की खबर सामने आई थी लेकिन राजभर ने सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया था। अब आजमगढ़ उपचुनाव में अखिलेश को राजभर से सहयोग की उम्मीद है कि क्योंकि इस सीट पर करीब 90 हजार राजभर वोटर हैं जो किसी भी उम्मीदवार का समीकरण बिगाड़ सकते हैं।

आजमगढ़ में निर्णायक साबित हो सकते हैं 90 हजार राजभर
विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने ओम प्रकाश राजभर के साथ गठबंधन किया था जिसका लाभ भी उनको मिला था। आजमगढ़ की सभी सीटों पर सपा ने परचम लहराया था। लेकिन अबकी बार राजभर पर अखिलेश कितना भरोसा कर पाएंगे यह देखने वाली बात होगी। राज्यसभा और एमएलसी चुनाव के दौरान राजभर ने भी दावा ठोका था लेकिन अखिलेश ने उनके दावे को नजरअंदाज कर दिया था। इसके बाद राजभर नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि आजमगढ़ में वह सपा के लिए प्रचार करते देखे जा रहे हैं। यानी बाहर से तो वो सपा के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं लेकिन क्या वो अंदर से भी सपा के साथ हैं यह बड़ा सवाल है। सपा के लिए उनका साथ बेहद जरूरी है कि वोटों के बिखराव की सूरत में 90 हजार राजभर वोट सपा के लिए अमृत का काम कर सकते हैं।

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