लखनऊ: अंडा मांस मछली शराब जैसी बुराइयों के खतरनाक और अति नुकसानदायक परिणामों को बता समझा कर पहले ही सचेत करने वाले, इनको छोड़ने के सहज सरल उपाय बताने वाले, शरीर और आत्मा दोनों की संभाल की बात करने वाले, चाहे सुनने में कड़वी लगे लेकिन सच्चे मित्र हितैषी के समान सही सच्ची सलाह समय पर देने वाले वर्तमान के पूरे पहुंचे हुए त्रिकालदर्शी दुःखहर्ता दयालु सन्त सतगुरु उज्जैन के बाबा उमाकान्त जी ने जून 2022 को रांची झारखंड स्थित आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि शराब में 1000 बुराईयां है। शराब जैसी गोलियों, जड़ी-बूटियों में 1000 बुराई है। जिसमें आदमी होश में न रह जाए, बुद्धि काम न करे, वह कुछ भी कर सकता है। मांस खाने से खून में गर्मी आ जाती है, खून खौल जाता है। वो तो किसी को भी मार सकता है, चाहे बेटा पति पत्नी बाप दोस्त कोई भी हो। दो मिनट भी नही लगता, फौरन खत्म कर देता है। कैसे हुआ, पता चलेगा जिसने अपराध किया, वह मांसाहारी शराबी था, शराब के नशे में था। नशे में पता नहीं चलता कि इन को मारना चाहिए या नहीं मारना चाहिए। औरत को मार दिया और नशा जब उतरा तब औरत (की लाश) के ऊपर सर रखकर रोता है, देखो हमने ये क्या कर दिया।

शराब पीने वालो को समझाओ कि शरीर से और मरने के बाद आत्मा को भी मिलेगी तकलीफ

शराब मत पीना। शराब पीने वालों को समझाओ। शराब के नशे में कोई भी बुरा काम तुमसे हो सकता है। उसकी सजा तुमको शरीर से मिलेगी और शरीर छोड़ने के बाद तुम्हारी आत्मा को भी मिलेगी। शराब के नशे में पाप कर बैठोगे इसलिए शराब न पीना और न किसी को पीने की सलाह देना। बल्कि शराब छोड़ने के लिए समझाने का परमार्थी काम करना। संकल्प बनाएंगे तो छूट जाएगा। बहुत से लोगों का छूट गया, आपका भी छूट जाएगा, उनका भी छूट जाएगा।

दोस्ती उससे करो जो बना दे आपका भविष्य और करा दे आपकी आत्मा का उद्धार

देखो बुराइयों से बचना। बुरे लोगों का साथ करने से ही बुराइयां आती हैं। अच्छों के साथ उठना-बैठना। बस यही समझ लेना कि हमारे भाग्य में बुरे लोगों की दोस्ती इतनी ही थी, अब खत्म हो गई। दोस्ती उससे करो जो आपका भविष्य बना दे, तंदुरुस्ती, दिल-दिमाग सही करा दे, जीवात्मा का उद्धार करा दे, ऐसे सत्संगियों का, साधक का साथ करो तो आपकी बुराइयां धीरे-धीरे खत्म, छूट जाएंगी।

बच्चे बिगड़ रहे हो तो उनको पैसा, सुविधा देना बंद कर दो

देखो बच्चों में ये बुराइयां ज्यादा आ रही हैं इसलिए बच्चों का ध्यान रखो। आजाज़ उनको मत करो। ज्यादा प्यार-दुलार उनको मत दो। आपके पास के धन दौलत रहन-सहन के हिसाब से उनको खाने-पीने रहने की कोई दिक्कत न होने दो लेकिन अगर बुरे रास्ते पर जा रहे हैं, और न बढ़ जाए, उसके लिए धन सुख-सुविधा दे रहे हो तो उसको बंद कर दो और धीरे-धीरे प्यार से समझाओ, मनाओ। प्यार से मान जाते हैं। देखो जानवर भी गुर्राता है। प्यार से पुचकार दो, चुटकी बजा दो, बात कर लो तो रुक जाता है। ऐसे ही बच्चे भी हैं। बंदर बालक एक स्वभाऊ। अभी बच्चियां और बच्चों को ज्ञान नहीं है तो यह सोहबत के असर से बिगड़ जाते हैं तो इन पर थोड़ा ध्यान रखो।

बच्चों को नाम ध्वनि, सुमिरन ध्यान भजन कराओ तो पढ़ाई में भी हो जाएंगे तेज

बच्चों को भी नाम ध्वनि जब बुलवाने लग जाओगे, सुमिरन, ध्यान, भजन करवाने लग जाओगे तो इनका मन इधर-उधर के बजाय इसी में जब लगेगा तो यह बुराइयों से बच जाएंगे। मन जिधर लगाओगे उधर ही लगेगा। जो सुमिरन ध्यान भजन करते हैं वो बच्चे पढ़ाई में तेज हो जाते हैं। मन पढ़ाई में और ध्यान भजन में दोनों में लगाना पड़ता है। जब भजन सुमिरन संगत के काम में प्रचार में मन लग जाता है तो आदत बन जाती है। बच्चे जब पढ़ते हैं तब भी मन लग जाता है, इधर-उधर नहीं भटकता। क्योंकि मन की आदत है कहीं न कहीं तो जाएगा, कहीं न कहीं शरीर को ले जाएगा, भटकाता है। आप कहते हो मन नहीं लगता। मन तो एक ही है, 25 जगह दौडाते हो तो कहां से रुकेगा। इसलिए मन को इसमें लगाओ।

बच्चों को अपनी संगत में जोड़ो नहीं तो आपकी इज्जत आबरू कर देंगे ख़त्म

बच्चों को अपनी संगत में नहीं जोड़ा तो बिगड़ जाएंगे। जो कमाई धमाई है आपकी, बच्चों के लिए करते हो कि इनका अच्छा समय आ जाए, अच्छा भविष्य बन जाए, यह पढ़ लिख ले, अच्छी जगह पर चले जाएं, कमाने लग जाए, खानदान का नाम रोशन कर दें, उस पर पानी फिर जाएगा। घर में जो है उसे भी उड़ा देंगे, कोई गलत काम कर बैठेंगे तो इज्जत आबरू भी बच्चे और बच्चियों की वजह से खत्म हो जाएगी। इसलिए ध्यान रखो।

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