लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को सिर्फ एक ही सीट पर जीत नसीब हुई थी। विधानसभा चुनाव के दौरान ही सपा ने मायावती पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने ज्यादातर ऐसे उम्मीदवार खड़े किए जिससे बीजेपी के उम्मीदवारों को जीतने में मदद मिली। यही बात तीन महीने बाद लोकसभा के उपचुनाव में भी साबित हो गई। यूं तो बहनजी कभी उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेती थीं लेकिन इसबार उन्होंने आजमगढ़ में मुस्लिम उम्मीदवार गुड्डु जमाली को उतारकर बीजेपी का काम असान कर दिया। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो जमाली की वजह से मुस्लिम मतों में बिखराव हो गया जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला।
मायावती के मास्टरस्ट्रोक ने अखिलेश को किया धराशायी
उपचुनाव में हिस्सा न लेने वाली बसपा की मुखिया मायावती ने आजमगढ़ के उपचुनाव में शामिल होने का फैसला किया था। मायावती ने यह फैसला क्यों लिया ये तो रहस्य बना हुआ है लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो बीजेपी की राह आसान करने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया था। यदि वो चुनाव को लेकर गंभीर होतीं तो रामपुर में आजम के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारतीं। वजह जो भी रही हो लेकिन उनके इस फैसले की गूंज दूर तक सुनाई देगी। हालांकि मायावती के एक दांव ने अखिलेश को आजमगढ़ में चारों खाने चित्त होने के लिए मजबूर होना पड़ा।