लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी अपने ढांचे को पूरी तरह बदलने की कवायद में जुटी नजर आती है. हाल फिलहाल के चुनावों में करारी हार के नतीजों ने मायावती को झंकझोर दिया है. मायावती के हालिया फैसलों से ये जाहिर हो रहा है कि विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार की गाज सतीष चंद्र मिश्रा पर गिराई गई है. बहुजन समाज पार्टी के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर सतीश मिश्रा पार्टी पूरी जी जान से जुटे थे. बसपा का ब्राह्मण चेहरा, मिश्रा पार्टी की कानूनी विंग को संभालने के अलावा, पार्टी के संगठनात्मक मामलों में एक प्रमुख स्तंभ हुआ करते थे. फरवरी-मार्च में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में, बसपा केवल एक सीट पर सिमट कर रह गई. पार्टी को इतनी खराब परर्फामेंस की उम्मीद कतई नहीं थी.
इसके बाद मायावती ने आजमगढ़ के हुए उपचुनावों में पार्टी की तरफ से जारी की स्टार प्रचारकों की सूची में से सतीष चंद्र मिश्रा के नाम को हटा कर ये संदेश साफ कर दिया था कि अब सतीष चंद्र मिश्रा के पर कतरने की तैयारी कर चुकी थी. उसके बाद मायावती ने अब तक लखनऊ में पार्टी के सभी शीर्ष पदाधिकारियों और राज्य पदाधिकारियों की तीन बैठकें की. लेकिन सतीष चंद्र मिश्रा उसमें भी नदारद रहे. वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि लाल कहतें कि मायावती सतीष चंद्र मिश्रा की जगह किसी और चेहरे की तलाश में हैं.