लखनऊ: पिछले माह तीन जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर में भड़की हिंसा ने देशभर में नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) मामले को नई हवा दे दी थी। अगले ही सप्ताह देश के कई शहरों में जुमे की नमाज के बाद उग्र विरोध – प्रदर्शन देखने को मिला था। कानपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने इस मामले में चौंका देने वाला खुलासा किया है। एसआईटी के मुताबिक, इस हिंसा के पीछे का असली मकसद कुछ और था, नूपुर शर्मा का बयान केवल एक बहाना था।

विशेष जांच दल ने बताया कि दंगाईओं का मुख्य लक्ष्य चंदेश्वर हाता (Chandeshwar Hata) खाली करवाना था, जिसके लिए 1 करोड़ की सुपारी कानपुर के सबसे नामी खतरनाक डी2 गैंग को सौंपी गई थी। इसके लिए बकायदा गैंग के सरगना अफजाल अंसारी से डील की गई थी। हिंसा की पूरी साजिश का प्लॉट कानपुर के मशहूर बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा, बिल्डर हाजी वशी और हाजी कुद्दुस नाम के शख्स ने मिलकर रची थी। साजिश में मुख्तार का बेटा उमर और हाजी वशी का बेटा अब्दुल रहमान भी शामिल था।

साजिश की पूरी कहानी एसआईटी की जुबानी
डी2 गैंग के सरगना अफजाल अंसारी ने अपने गुर्गों अकील खिचड़ी और सबलू को छोटे मियां के हाते में पूरी योजना समझाकर चार-चार लाख दिए थे। ये लोग ठेले पर पत्थर और पेट्रोल बम लेकर आए थे। एसआईटी के मुताबिक, अफजाल की योजना थी कि जब जुलूस चंदेश्वर हाता की तरफ बढ़ेगा, उसी समय वहां पहले से तैनात उसके लड़के इशारे मिलते ही चंदेश्वर हाते पर पेट्रोल बम और पत्थर से हमला कर देंगे। हमले के बाद बवाल होग, लोग दहशत में आएंगे और फिर हाते में रहने वाले लोग सस्ते में अपने मकान और प्लॉट बेचने लगेंगे।

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *