धर्म कर्म: इस बार जन्मास्टमी की तिथि को लेकर लोगो में काफी मतभेद देखने को मिल रहा किसी का कहना है की जन्मास्टमी 18 को है तो किसी का कहना है की 19 को है, पर क्या है जन्मआष्ट्मी की सही तिथि आइये जानते है।

शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है भगवान् कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णापक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में आधी रात में हुआ था। परन्तु ज्योतिषो के अनुसार इस बार भाद्रपद की अष्टमी दो दिन तक बताई जा रही है।

ज्योतिषो का कहना है की इस बार अष्टमी तिथि का प्रवेश 18 अगस्त के दिन गुरुवार को रात्रि 9:21 मिनट पर हो रहा है इसी वजह से बहुत से लोग 18 को जन्माष्टमी का वृत्त रखेंगे और पूजा संपन्न करेंगे। परन्तु यदि इसे शास्त्रों और हिन्दू धर्म के अनुसार देखे तो उदया तिथि के दिन ही सभी लोग यानी 19 तारीख 2022 को जन्मआष्ट्मी का व्रत रखेंगे . जन्माष्टमी के दिन सभी श्रद्धालु अपने घरो में मंदिरो में संस्कृति कार्यक्रम आयोजित करके धूम धाम से जन्माष्टमी मानाते है, और
इसी दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बनारसी पंचांग और मिथिला पंचांग में 19 को जन्माष्टमी की तिथि बताई गई है।

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