दिल्ली : नोएडा शहर में अवैध ट्विन टावर को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने एक साल के बाद इस अवैध ढांचों को गिरानेके आदेश पर रविवार को इस ट्वीन टावर की इमारत को गिरा दिया गया था। जिसकी ऊंचाई लगभग100 मीटर थी जो की दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंची थी। इस इमारत को आधुनिक तकनीक” वाटरफाल इम्लोजन” से पूरी बिल्डिंग को धाराशाई कर दिया गया।
बिल्डिंग डिमॉलिश के बाद कई विशेषज्ञ डॉक्टर्स का कहना है की इससे वहां के निवासियों को स्वास्थ सम्बंधित परेशानियां हो सकती है. लेकिन नोएडा अथॉरिटी के CEO रितु माहेश्वरी ने ANI को सूचित कर कहा की डिमॉलिश के पहले और बाद में AQI का स्तर समान है। और शाम को सभी निवासीयो को अपने घरो में जाने की अनुमति भी मिल गयी है।
इसके बाद भी डॉक्टर्स का कहना है की ऊंची इमारतों के गिरने से हाई रिस्क वाले अस्थमा रोगियों को वायु प्रदुषण के बढ़ते स्तर से खतरा हो सकता है। और प्रदूषण से लोगो को खासी , सांस की तकलीफ और बलगम जैसी समस्याए बढ़ सकती है।