लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लेवाना होटल अग्निकांड में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही भी परत दर परत खुलने लगी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त रवैये के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने लेवाना होटल में आग लगने की अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में 22 इंजीनियरों एवं जोनल अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर बिल्डर के साथ मिलीभगत करने और अवैध निर्माण गतिविधि पर आंखें मूंद लेने के लिए कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।
LDA की रिपोर्ट से मची खलबली
विकास प्राधिकरण ने हजरतगंज थाने में मेसर्स बंसल कंस्ट्रक्शन के मुकेश जसनानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ आवासीय भूखंड पर होटल चलाने के लिए प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। एलडीए के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने घटना की जवाबदेही तय करने के लिए एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया था।
प्रारंभिक जांच के बाद, समिति ने 22 इंजीनियरों एवं जोनल अधिकारियों को कथित रूप से बिल्डर के साथ मिलीभगत करने और अवैध निर्माण गतिविधि से आंखें मूंदने के लिए जिम्मेदार पाया गया है। समिति ने 2 जुलाई, 2017 से जोन छह (जिसमें हजरतगंज भी शामिल है) में तैनात इंजीनियरों को घटना के लिए जिम्मेदार पाया है।