हमारे जीवन में थोड़ी सी भी कठिनाई आ जाती है तो हम अपने माता पिता के पास चले जाते है यदि माता पिता के ऊपर संकट आ जाये। तो वह किसके पास जाये हमे खाने में कुछ चीज़े नहीं पसंद आती तो हम नहीं खाते है। लेकिन हम भूल जाते की इस खाने की कीमत हमारे पिता चुका रहे है । वह किस तरह मेहनत करके मालिकों की गालियां सुनकर पैसा कमाते है यह वही जानते है। हम सिर्फ अपने माता पिता के सामने बोल देते है। की हमे ये चीज़ चाहिए लेकिन वह किस तरह लाते है। इसका अनुमान कोई नहीं लगा सकता है । इस वीडियो में देखिये कैसे पिता अपने और बच्चे का गुजारा करने के लिए रिक्शा चला रहा। इसको देखकर हर किसी की आँखे नाम हो जाएँगी । की एक पिता भी माँ जितना ही प्यार कर सकता है । बस अंतर इतना है की वह कभी दिखाता नहीं है ।

पिता ही छत्रछाया है पिता ही गुरुर है यदि पिता न हो तो एक बच्चा बदनसीब है

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