धर्म कर्म : निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, जीते जी प्रभु से मिलाने वाले, जीवात्मा को अमर सुहागिन बनाने वाले पूरे समरथ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने उज्जैन आश्रम में दिए संदेश में बताया कि करवाचौथ का त्योंहार याद दिलाता है कि जिस पुरुष से ब्याह किया, उसके साथ प्रेम का जीवन बिताना है, एक-दूसरे को खुश रखना है, एक-दूसरे के अंदर कोई कमी आ जाए तो उसको दूर करना है और जिंदगी भर साथ निभाना है।

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सन्त बाहर की बजाय अंतर की चीजों पर ध्यान देता है। जितनी जीवात्मा हैं सब स्त्री है। पुरुष कौन है? वही परमेश्वर, परमात्मा, सतपुरूष जिसे कहा गया। आप नाम दानी स्त्री-पुरुष ध्यान, भजन, सुमिरन कर के अपनी सुरत को जगा कर प्रभु को प्राप्त कर असली सुहागिन बन जाओ जिससे बराबर संभाल करते रहें। आज स्त्री-पुरुष दोनों संकल्प बनाओ कि हमारी जीवात्मा का असली काम हो जाए। जिनको रास्ता नामदान नहीं मिला वो रास्ता ले कर अपने असली काम में लग जाओ।

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