लखनऊ: एक कहावत है- पहले मारे,कभी ना हारे!”इसका मतलब होता है, जिसकी तैयारी समय से पहले पूरी हो जाती है,वह कभी नहीं हारता है;चाहे दुनिया के काम की तैयारी हो,चाहे अपने घर जाने की तैयारी हो,दोनों इसका अर्थ निकलता है।तो यह समझो कि खेल खेल में यानी समझो कि काम बन जाने वाला रास्ता है।तो यह खेल पहले बनाओ।दुनिया की तैयारी पहले कर लो यानी समझो यह जल्दी पूरा हो जाए(मतलब बाबा जयगुरुदेव मन्दिर पहले पूरा हो जाए)आपका।उसके बाद में फिर उसकी भी तैयारी (अपने घर जाने की) यानी समझो कि वो करा देंगे।

जिसके नाम-काम को आगे बढ़ाने में आप तैयारी करोगे समय से पहले और आप समझो कि यानी लगोगे उसमें, तैयारी पूरी होगी आपकी;तो वो आपकी मदद करके अंदर की भी तैयारी पूरी कराएंगे प्रेमियों।इसलिए सेवा का मौका जब मिले बच्चे और बच्चियों! तो अपनी औकात भर उसमें लगना चाहिए।वो सेवा छोड़नी नहीं चाहिए।कोई जरूरी नहीं है कि आज सेवा का अवसर मिल रहा है और कल फिर मिले। इसलिए समय से काम करना चाहिए।समय से पहले ही तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए।जैसे बच्चे कहते हैं कि हमने पढ़ाई भी कर लिया,दोहरा भी लिया कोर्स को, तीसरी बार भी तैयार कर लिया। हमारी तैयारी पूरी हो गई परीक्षा की।वह कभी फेल नहीं होते हैं; लेकिन “नहीं समय के साथ जो चलते,वह पीछे रह जाते हैं”। देखते रह जाते हैं।देखो!बच्चे जो नहीं पढ़ते हैं,फेल हो जाते हैं। देखते हैं कि हमारे साथ का लड़का देखो अगले क्लास में चला गया, हमसे सीनियर हो गया और देखो हमारे साथ का ही था और हम पीछे रह गए।

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