शाहजहांपुर: भारत ही नहीं विश्व मे शाकाहार ही सवोत्तम आहार की अलख जगाने वाले दुःख हर्ता उज्जैन के बाबा उमाकांत जी महाराज जनपद शाहजहांपुर के निगोही में अपने एक दिवसीय सतसंग समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह देश अपना नही है और न ही यह शरीर मनुष्य को स्वसो की पूंजी गिनकर मिली है और जैसे ही स्वासे खत्म हुई मानव को इस नश्वर संसार से जाना पड़ेगा। आगे उन्होंने यह भी कहा कि यह मानव शरीर प्रभु को पाने अपने निज घर जाने के लिए मिला है इस शरीर के रहते समय के संत सतगुरु से रास्ता लेकर नाम की कमाई करके मुक्ति मोक्ष को पा सकता है।इस मानव शरीर मे यदि प्रभु की प्राप्ति नही हुई तो फिर नार्को और चार खान चौरासी लाख योनियों में जाना पड़ेगा।
शाकाहार के बारे मे बताते हुए कहा कि मनुष्य का भोजन मांसाहार नही है लोगो को शाकाहारी सदाचारी नशा मुक्त ,खुदा परस्त रहना चाहिए जिससे तकलीफों से बचत हो सके। महाराज जी ने कहा कि रोज सुबह शाम जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव नाम की नाम ध्वनि बोलने से लोगों के दुःख तकलीफ में आराम मिलने लगता है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नागेश्वर द्विवेदी, मांगूलाल,कन्हैया लाल गुप्ता,मदनलाल शर्मा, हरीश कुमार गंगवार, सत्य प्रकाश शुक्ला,गंगेश सिंह, भगवान दीन राजपूत,राजेश शर्मा,सहित कई हजार लोग सामिल हुए।