लखनऊ : बिजली कर्मियों के चार दिन से चल रहे कार्य बहिष्कार का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। कार्य बहिष्कार के चलते तकनीकी कारणों से होने वाली गड़बड़ियां समय पर ठीक नहीं हो पा रही हैं, जिससे आम जनता को काफी ज्यादा परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है। बिजलीकर्मियों द्वारा शुरू किए गए कार्य बहिष्कार आंदोलन को कई संगठन समर्थन दे रहे हैं, शुक्रवार को भीं कई संगठन कार्य बहिष्कार विरोध-प्रदर्शन में शमिल हुए और जमकर पावर कॉर्पोरेशन के खिलाफ नारे बाजी की लेकिन, इन सबके बाद भीं प्रबंधन की ओर से गतिरोध खत्म कराने की पहल नहीं की गई है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि, पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन की तानाशाही के कारण कर्मचारियों का काम करना मुश्किल हो गया है। उनका कहना है की, शीर्ष प्रबंधन अपने तानाशाही रवैए के कारण ही ऊर्जा मंत्री के निर्देशों की भी अनदेखी रहे हैं ।
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बतादें, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से शुरू किये गए कार्य बहिष्कार के कारण गोरखपुर, वाराणसी सिद्धार्थनगर, बलिया, आजमगढ़, जौनपुर, भदोही, गाजीपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, गोंडा, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर अमेठी, बाराबंकी, सहारनपुर, गाजियाबाद व चित्रकूट समेत कई जिलों में बिजली आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। जिसके चलते लोगों को कई घंटों तक अंधेरे में रहना पड़ रहा है ।