लखनऊ: आदि से अंत तक की पूरी जानकारी रखने वाले, सभी तरह के रहस्यों को जानने और जना देने कि पॉवर रखने वाले, मानवीय क्षमताओं से परे की समस्यों को भी जड़ से सुलझा देने वाले, भौतिक विज्ञान जहां समाप्त होता हैं वहां से जिनका आध्यात्मिक विज्ञान शुरू होता है ऐसे इस समय के विलक्षण युगपुरुष, दुःखहर्ता, त्रिकालदर्शी, परम दयालु, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने उज्जैन आश्रम में दिए सन्देश में अकाल मृत्यु, प्रेत बाधा, लक्षण, उपाय आदि की जानकारी कराई।

इन सब से परे आगे बहुत कुछ है लेकिन उसकी जानकारी केवल वक़्त के समरथ सन्त सतगुरु ही कराते हैं। बाहरी आखों से तो कुछ दूर तक ही देख सकते हो लेकिन अंदर की आँख से पूरी दुनिया और दैवीय लोक भी देख सकते हो। आप भाग्यशाली हो जिनको ये नामदान का रास्ता मिला, करो और चलो। आप भी सुनिए पूज्य महाराज जी के ये वचन।

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *