नई दिल्ली: पुलिस ने पकड़े आधादर्जन बदमाश,बरामद हुए असलहे लखनऊ।प्रदेश के मुजफ्फरनगर व बागपत तथा प्रयागराज में हुई पुलिस व बदमाशो के बीच मुठभेड़ में गोली लगने से कई बदमाश घायल हुए वही बदमाशो की फायरिंग में पुलिस का सिपाही भी घायल हुआ हैं।प्रदेश के बागपत जिले के थाना कोतवाली पुलिस के साथ बीती रात्रि चेकिंग के दौरान गौरीपुर से निरोजपुर जाने वाली रोड पर बदमाशों से मुठभेड़ हो गयी।मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने हत्या के मामले में नामजद पच्चीस हजार का इनामी में गौरव निवासी गिरफ्तार हुआ जिसके पास से पुलिस ने एक तमंचा, कारतूस व स्कूटी बरामद की है।वही प्रदेश के बागपत जिले के थाना बिनौली पुलिस व बदमाशो के बीच मुठभेड़ हुई।जिसमे पांच बदमाश बिट्टू उर्फ राहुल, सुधीर, कपिल, राहुल, अनुज गिरफ्तार हुए।जिनके कब्जे से चार अवैध तमंचे,एक दर्जन कारतूस, चाकू व दो मोटरसाइकिल बरामद हुई।इसके अलावा प्रदेश के प्रयागराज जिले के थाना मेजा पुलिस की नवीन सब्जी मंडी मेजा में चेकिंग के दौरान बदमाशों से मुठभेड़ हो गयी। मुठभेड़ में बदमाश जयप्रकाश गोली लगने से घायल हो गया।पुलिस ने उसके साथियों दिलीप उपाध्याय व नीरज मिश्रा को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपी के कब्जे से अवैध असलहा व कारतूस बरामद किया गया है।वही प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के थाना शाहपुर में चेकिंग के दौरान जंगल ग्राम ममेरा के पास बदमाशों से हुई मुठभेड़ हो गयी।आरोपी सानू गोली लगने से घायल हो गया। जबकि बदमाश की गोली से कांस्टेबल मनोज कुमार घायल हुए है।जिनके दाएं बाजू में गोली लगी है।पकड़े गए बदमाश के कब्जे से तमंचा व कारतूस बरामद हुआ है।
यह भी पढ़ें: किसान आंदोलन: कृषि कानूनों पर आज राष्ट्रपति से मिलेंगे विपक्षी नेता, किसानों को मिलेगा लिखित प्रस्ताव
फैक्ट्रियों में शराब निर्माण में हो रहे बड़े खेल
मानक के मुताबिक पर्याप्त डिग्री की शराब का नही हो रहा निर्माण, शौकीनों का नुकसान करा रहे फैक्ट्रियों में तैनात आबकारी अफसर -पुराने आलों से नही आ रहे सटीक परिणाम,डिजिटल की नही हुई खरीद लखनऊ।उत्तर प्रदेश की शराब फैक्ट्रियों में निर्धारित मानक के मुताबिक शराब का निर्माण नही हो रहा है।शराब फैक्ट्रियां डिग्री डाउन कर शराब के निर्माण में नियमो की अनदेखी कर रही है। इस मनमानी को बढ़ावा देने में एसी व इंस्पेक्टर लगे हुए है लेकिन आबकारी विभाग के अफसरो को कोई फिक्र नही है। बताते है कि देशी शराब में 36 से 42.8 वही अंग्रेजी में 42.8 डिग्री होती है।अंग्रेजी शराब में तो डिग्री पर्याप्त होना बताया जा रहा है।लेकिन देशी शराब में डिग्री ऊपर नीचे हो रही है।प्रदेश की रामपुर,गोरखपुर,अलीगढ़,गोंडा आदि जिलो सहित प्रदेश के अन्य स्थानों में खुली शराब फैक्ट्रियां देशी शराब के निर्माण में मानकों की अनदेखी कर रही है।इस मानक की अनदेखी से ही प्रदेश में ठेकों पर भी मानक विहीन शराब पहुंच रही है।सूत्र बताते है कि यू तो फैक्ट्रियों में शराब के मानकों की जांच के लिए बाकायदा आबकारी व विभाग का लंबा चौड़ा स्टाफ लगा हुआ है।लेकिन यह स्टाफ फैक्ट्रियों के मैनेजरों से सांठगांठ कर शराब के निर्माण में भारी मनमानी करा रहा है।सूत्र बताते है कि शराब की डिग्री ऊपर नीचे करने से ही कंपनियों को फायदा होता है।
बता दें फैक्ट्री में कुछ शराब मानक के अनुसार बनाकर उसे सांठगांठ कर जांच की प्रक्रिया से गुजार कर कागजी कोरम पूर्ण बताया जाता है लेकिन बाहर माल कम डिग्री का ही भेजा जाता है।सबसे अहम बात यह निकल कर सामने आई है कि प्रदेश की फैक्ट्रियों में बनने वाली शराब की जांच के लिए आलो का प्रयोग होता है लेकिन आबकारी विभाग के पास इतने पुराने आले है कि वह सही परिणाम नही देते विभाग के अफसरो की माने तो डिजिटल आलो से बेहतर जांच होती है।लेकिन डिजिटल आले विभाग के पास न होने से बेहतर परिणाम सामने नही आ रहे है।ऊपर से फैक्ट्रियों में लंबे समय से तैनात आबकारी विभाग के कर्मचारी खुलेआम शराब निर्माण में खामियां करा रहे है।लेकिन इसको लेकर विभाग के अफसर हाथ पर हाथ रख कर बैठे हुए है।उपभोक्ता कम डिग्री की शराब पीने के बाद उसे पहले जैसा आनन्द नही आ रहा है जिससे लोग मिलावट करने के आरोप भी लगा रहे है लेकिन शराब की डिग्री डाउन होने से लोगो को पर्याप्त नशा नही मिल रहा है।काफी पहले अफसरो ने शराब की कई जगहों पर डिग्री की जांच कराई थी उस समय कुछ वर्षों तक व्यवस्था सही रही लेकिन वर्तमान में फिर उसी तरह की व्यवस्था चलाई जा रही है।