Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार है। जब भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति को मनाया जाता है। यह पर्व पूरे भारत में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार किस तारीख को मनाया जाएगा वह इस बात पर निर्भर करता है कि सूर्य कब धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाता है। पर कभी-कभी यह त्योहार 15 जनवरी को भी हो जाता है।

हालांकि संक्रांति तब शुरू होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर मकर राशि में पहुंचते हैं। सूर्य देव जब मकर राशि में गोचर करते हैं, उस समय मकर संक्रांति होती है। इस साल 14 जनवरी को रात 08.57 बजे सूर्यदेव मकर राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में मकर संक्रांति का क्षण 14 जनवरी को पड़ रहा है। किंतु सूर्य के मकर में प्रवेश के समय के कारण संक्रांति की तारीख को लेकर असमंजस पैदा हुआ है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सूर्य की मकर संक्रांति का क्षण भले ही 14 जनवरी शनिवार की रात 08:57 बजे पड़ रहा है, लेकिन रात्रि प्रहर में स्नान और दान नहीं होता। इसके लिए उदया तिथि की मान्यता है यानी जब सूर्य उदय होंगे, उस समय मकर संक्रांति का स्नान और दान होगा। इसलिए इस वर्ष 15 जनवरी 2023 दिन रविवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। संक्रांति 2023 की शुरुआत 14 जनवरी रात 08:57 बजे का है। जबकि 15 जनवरी 2023 को संक्रांति का पुण्यकाल है जो सुबह 06:58 बजे से शाम 05:38 बजे तक रहेगा।

सामान्य रूप से मकर संक्रांति को क्या करें ?
प्रातः काल स्नान करके, सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद सूर्यदेव और शनिदेव के मंत्रों का जप करें। पुण्यकाल में नए अन्न,कम्बल, घी, तिल और गुड़ का दान करना शुभ होता है। भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनायें और भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें।

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