लखनऊ : भजन में बरकत बढ़ाने के उपाय बताने वाले, जिनके समस्त वचन अकाट्य होते हैं, जो निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी होने के नाते इस धरती पर इस समय नाम दान देने के एकमात्र अधिकारी हैं, केवल जिनका दिया हुआ नामदान ही फलदायी है, ऐसे इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने तबरा, भरूच (गुजरात) में दिए सन्देश में बताया कि कैसे सबके पिता सतपुरुष ने मौज में नीचे रचना की और जीवात्माओं को दिया और कैसे अब सन्त के रूप में उन्हें वापस अपने घर ले चलने के लिए आते हैं।

दुनिया का सबसे कठिन काम नाम दान देना है। नामदान लेने, गुरु आदेश मानने पर कम से कम दुबारा मनुष्य शरीर मिलने कि गारंटी हो जाती है। झगड़ा-झंझट से छुटकारा के लिए दो बात बर्दाश्त कर लो। कम खाओ, गम खाओ। कम खाओगे नियम संयम से रहोगे तो बीमारी आएगी ही नहीं। ऑपरेशन से बचो। कोई जानवर, पेड़ आदि सन्त के शरीर को छू ले तो उन्हें भी सीधा मनुष्य शरीर मिल जाता है।

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