लखनऊ: अपने अपनाए जीवों पर दया लुटाने का बहाना ढूंढने वाले, उनकी थोड़ी सी भी भक्ति सेवा साधना भाव से जल्दी से प्रसन्न हो कर तकलीफों में आराम और साधना में तरक्की देने वाले, व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए सही शिक्षा सही समय पर सबको देने वाले महान समाज सुधारक, भारत को विश्वगुरु बनाने में लगे पक्के देशभक्त, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अहमदाबाद (गुजरात) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित सतसंग में बताया कि देश भक्ति और गुरु भक्ति बड़ी चीज है। इसे बनाये रखना। देश की सम्पत्ति आपकी अपनी सम्पत्ति है। आप सब देश प्रेम बनाए रखना। हड़ताल, तोड़फोड़, आंदोलन, धरना, घेराव, हिंसा-हत्या, आत्महत्या कभी भी मत करना। इससे नुकसान ही नुकसान है, फायदा नहीं है।

यह अपना ही राष्ट्र है, इसकी संपत्ति को नुकसान करोगे तो आगे आपको ही देना पड़ेगा

महाराज ने सीकर, राजस्थान में यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित सतसंग में बताया की यह देश आपका अपना देश है। इसकी संपत्ति को अपना समझो और ज्यादा चक्कर में मत पड़ना। देखो राष्ट्र को अपना समझो, अपना मानो। इसको और इस देश की संपत्ति को अपनी संपत्ति समझो। यहां अगर आप कोई नुकसान करोगे, आपकी वजह से हड़ताल तोड़फोड़ आगजनी से अगर नुकसान होता है तो आपका ही नुकसान होगा, आपको ही भरना पड़ेगा, टैक्स के रूप में, किसी न किसी रूप में। अपनी मेहनत की कमाई इधर देनी ही पड़ेगी। मजबूरन दोगे ऐसा नियम बन जाएगा कि देना ही देना पड़ेगा।

देश का जिससे नुकसान हो, तिफरका पैदा हो, ऐसा कोई काम न करो

महाराज जी ने प्रातःकालीन बेला में दुर्गापुर (प. बंगाल) में बताया कि देश प्रेम बनाए रखना। देश की संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति है। देखो आज स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व है। देश को आजाद कराने में लोगों ने बहुत कुर्बानी दिया, मेहनत किया। देश के लोगों की आजादी खत्म न हो जाए इसलिए इसको बनाए रखना जरूरी है। कोई भी काम ऐसा न करो कि जिससे देश का, देश की संपत्ति का नुकसान हो, देश के प्रति कोई भी तिफ़रका पैदा हो, जो नियम कानून के खिलाफ हो। नियम-कानून का पालन करो, अधिकारियों कर्मचारियों का सम्मान करो।

जातिवाद, भाई-भतीजावाद, भाषावाद, आतंकवाद भूल करके सिर्फ मानववाद लाओ

भाई-भतीजावाद जातिवाद एरियावाद भाषावाद नक्सलवाद आतंकवाद यह जितने भी वाद है यह सारे के सारे वाद खराब है। इन्हें भूलकर आप मानववाद लाओ। मानवता आ जाएगी, प्रेम हो जाएगा। भगवान ने कोई वाद पैदा नहीं किया। सबका शरीर हड्डी मांस आंख कान टट्टी पेशाब का रास्ता सबके अंदर है, एक जैसा है। सभी में मालिक की अंश जीवात्मा है। जो जीवात्माओं को देखता है, वह करता है सबसे प्रेम
उसने क्या बनाया? इंसान। हमारे यहां तो सब समानता है।

यहां पर वसुधैव कुटुंबकम की बात सिखाई जाती है

महाराज जी ने लखनऊ में बताया कि देखो हमारे यहां मानव और मानवता की बात है। यहां कोई जाति धर्म पर जोर नहीं दिया जाता। यहां तो मानव धर्म सिखाया जाता है। सत्य अहिंसा परोपकार सेवा यह है मानव धर्म। यहां देशभक्ति सिखाई जाती है। हड़ताल तोड़फोड़ धरना घेराव से लोगों को दूर रहना सिखाया जाता है, देश की संपत्ति को अपना मानना सिखाया जाता है।

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