लखनऊ : बसंत पंचमी हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यह हर साल माघ के महीने के शुक्ल पत्र के पांचवें दिन मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने का काफी महत्व होता है। इस दिन जगह-जगह पंडालों, स्कूलों में मां सरस्वती की पूजा अर्चना होती है। कई लोग तो माता के मंदिर भी जाते हैं। आज हम आप को कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको लेकर लोगों में कई तरह की मान्यता है। लोगों का यह भी कहना है की, यहाँ जाकर पूजा-पाठ करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

श्रृंगेरी मंदिर:-
मां सरस्वती का एक मंदिर कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिले में स्थित है। इसे श्रृंगेरी का शारदम्बा मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर 8 वीं सदी में आदि शंकराचार्य द्वारा बनाया गया था। यहां पर मुख्य रूप से देवी सरस्वती की पूजा की जाती है

श्री ज्ञान सरस्वती मंदिर:-
ज्ञान सरस्वती का यह मंदिर आंध्र प्रदेश के अदिलाबाद जिले में स्थित है। इस मंदिर की काफी मान्यता है, इस मंदिर को बसरा नाम से भी बुलाया जाता है। ऐसी मान्यता है की, महाभारत के युद्ध के बाद ऋषि व्यास ने गोदावरी नदी के किनारे कुमारचला पहाड़ी पर मां सरस्वती की पूजा की। पूजा से खुश होकर माता ने उन्हें यहीं पर दर्शन दिया था।

मैहर का शारदा मंदिर:-
एमपी के सतना में मां सरस्वती का ये मंदिर 600 फुट की ऊंचाई वाली त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित है। माता के दर्शन के लिए भक्तों को 1063 सीढ़ियों चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर को मैयर देवी के नाम से भी जाना जाता है।

पनाचिक्कड़ सरस्वती मंदिर:-
ये मंदिर केरल में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि, इसे किझेप्पुरम नंबूदिरी ने स्थापित किया था। इस मंदिर को दक्षिणा मुखी भी कहा जाता है। यहां माता की मूर्ति के पास हमेशा एक दिया जलता रहता है।

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