लखनऊ : आशियाना इलाके के स्मृति उपवन में चल रहे लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव की नौवीं शाम मशहूर गायक अल्ताफ राजा के नाम रही । अल्ताफ राजा ने एक से बढ़कर एक नगमे गाकर दर्शकों को देर रात तक महफिल से बांधे रखा।

कार्यक्रम की शुरुवात मुख्य अतिथि डॉ अर्चना कनोडिया और महोत्सव के आयोजक माँ गायत्री जन सेवा संस्थान व नीशू वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष अरुण प्रताप सिंह, गुंजन वर्मा, रणवीर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर की। वही, 50 से ज्यादा महिलाओं को समाज में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ”लखनऊ हश्तशिल्प विशिष्ट महोत्सव सम्मान” से सम्मानित किया गया। बालीवुड गायक अल्ताफ राजा ने कहा कि लखनऊ से उनका बहुत पुराना रिश्ता है और यहाँ की अदब तहजीब और लजीज खाने की खुशबू उन्हें लखनऊ का दीवाना बना देती है।

अल्ताफ राजा ने सुनाए अपने सदाबहार गानें:-   

महोत्सव की बुधवार शाम को सुरीला बनाने में अल्ताफ राजा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। अल्ताफ ने तुमसे कितना प्यार है.. गाने से शुरुवात की, इसके बाद आवारा हवा का झोंका हूं..आने से उसके आए बहर..पर्दानशी को पेपर्दा न कर दू..तुम्हारी आंखों में काजल तो नही ,इश्क और प्यार का मजा लीजिए..पहले तो कभी -कभी गम था सुनाए तो दर्शक झूम उठे और पुरानी यादें ताजा कर दी। वें बीच-बीच में शेर और शायरी से रंग जमाते रहे। हम वो दीवाने हैं जो ताजा हवा लेते हैं, खिड़कियां खोल के मौसम का मजा लेते हैं..’ डम डम डिगा डिगा,हमे तो लूट लिया, झूम बराबर झूम..जैसे सुपरहिट गीत गाए तो युवा एक के बाद एक फरमाइशें दोहराते रहे। तुम तो ठहरे परदेसी.., हमें तो लूट लिया हुस्न वालों ने.. सुनाकर उन्होंने लोगों को खूब झुमाया। देर रात तक उनके गीतों पर लोग झूमते रहे। तो वही,इसके पहले इंडियन आइडल के प्रतिभागी गायक कुलदीप सिंह चौहान ने सारा जमाना हसीनो का दीवाना, मेरी उमर के नौजवानों दिल न लगाना ओ दीवानों..जैसे गानों पर युवाओं को अपने साथ थिरकने पर विवश किया।

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