लखनऊ: रामचरित मानस का मुद्दा इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजनीति में छाया हुआ है। इसे लेकर सपा और भाजपा की तरफ से लगातार बयानबाजी भी हो रही है। बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है। मायावती ने इस पूरे मामले को भाजपा और सपा की मिलीभगत बताया है। मायावती ने सोमवार को ट्विटर के जरिए टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा- कमजोर और उपेक्षित वर्ग के लिए संविधान है, बाबा साहेब ने ऐसे लोगों को SC/ST, OBC की संज्ञा दी। इसलिए इन्हें शूद्र कहकर सपा अपमान न करे और संविधान की अवहेलना न करे। बता दें, यूपी की सियासत में शूद्र पर संग्राम छिड़ा है। मानस विवाद के बाद सपा ने “गर्व से कहो हम शूद्र हैं” कि कई पोस्टर और होल्डिगं भी लगवाई है।
1. देश में कमजोर व उपेक्षित वर्गों का रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि ग्रंथ नहीं बल्कि भारतीय संविधान है जिसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है। अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे।
— Mayawati (@Mayawati) February 3, 2023
रामचरित मानस पर हो रहे विवाद के बीच मायावती ने याद किया गेस्ट हाउस कांड
आपको बता दें मायावती ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि CM बनने जा रही दलित महिला पर हमला हुआ था, सपा मुखिया को स्टेट गेस्ट हाउस कांड याद रखना चाहिए। सपा सरकार में जानलेवा हमला कराया गया था। सभी वर्ग का सम्मान BSP में हमेशा सुरक्षित है। अन्य पार्टियां वोट के लिए नाटक करती हैं।
3. साथ ही, सपा प्रमुख द्वारा इनकी वकालत करने से पहले उन्हें लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस के दिनांक 2 जून सन् 1995 की घटना को भी याद कर अपने गिरेबान में जरूर झाँककर देखना चाहिए, जब सीएम बनने जा रही एक दलित की बेटी पर सपा सरकार में जानलेवा हमला कराया गया था।
— Mayawati (@Mayawati) February 3, 2023
शूद्र पर छिड़े सियासी संग्राम में बसपा सुप्रीमो मायावती भी कूद गई है। मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर लिखा है कि रामचरितमानस और मनुस्मृति कमजोर वर्ग के लिए नहीं है, कमजोर,उपेक्षित वर्ग के लिए संविधान है। बाबा साहेब ने ऐसे लोगों को SC/ST, OBC की संज्ञा दी, इसलिए इन्हें शूद्र कहकर सपा अपमान न करे। समाजवादी पार्टी संविधान की अवहेलना न करे। SC/ST, OBC के तिरस्कार के मामले में सपा,कांग्रेस और BJP कोई किसी से कम नहीं है।