लखनऊ: कर्मों के विधान की हर बारीकी जानने के कारण अपने भक्तों के कर्मों को आराम से कटवा देने के उपाय बताने वाले, इतिहास से सही शिक्षा लेने के लिए इंगित करने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने राजस्थान में दिये व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में चाणक्य के प्रसंग से समझाया कि सतसंगियों को मेहनत करके खाना चाहिए, निजी काम के लिए निजी कमाई खर्च करनी चाहिए।

समझदार लोग आखिरी वक्त तक पैसा रखते हैं क्योंकि यह माया है। पैसा माया की जरूरत आखिरी वक्त तक रहती है। धन से हुए पाप को ख़त्म करने, लक्ष्मी को घर में रोकने के लिए सन्त धन को खर्च करवाते हैं। जरूरत पड़ने पर भजनानांदियों का कोई काम नहीं रुकेगा। छोटी चीजों में मत फंसो, बड़ी चीज की इच्छा रखो।

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