लखनऊ: केवल शरीर के लिए ही सारा जीवन खर्च न करने और अपनी आत्मा के लिए भी कुछ करने की शिक्षा देने वाले, निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, जीते जी मुक्ति मोक्ष प्राप्त करने का रास्ता नामदान देने वाले, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने सायं डिंडीगुल (तमिलनाडु) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि कोरोना की बीमारी तो कुछ भी नहीं। अभी तो आगे बहुत भयंकर बीमारियां आएंगी। तकलीफों से बचने के लिए शाकाहारी रहो और सबको बनाओ। जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलो और बुलावाओ। इससे आने वाले खराब समय में बचत होगी। सब लोग देश प्रेम बनाए रखना। देश की संपत्ति, आपकी अपनी संपत्ति है, इसको नुकसान मत पहुंचाना। ऐसा कोई काम न करो जिससे किसी का नुकसान हो। हमेशा दिलों को जोड़ने का काम करो।
अपने शरीर के लिए ही सब कुछ कर रहे, अपनी जीवात्मा के लिए कुछ नहीं कर रहे
न जानकारी में ही लोग अपने शरीर के लिए ही खाने रहने आदि के इंतजाम में लगे हुए हैं और शरीर को चलाने वाली शक्ति जीवात्मा के लिए कुछ नहीं कर रहे। जबकि आपने यह मनुष्य शरीर भगवान के प्राप्ति और भजन करने के लिए ही मां के पेट में मांगा था। जब मां के पेट में उल्टे टंगे हुए थे, पेट की गर्म आग तपा रही थी, बहुत तकलीफ में थे तब प्रभु से प्रार्थना करते रहते थे कि जल्दी से हमको (शरीर को) तैयार करके बाहर निकालो। वादा किया की बाहर निकल कर हम समरथ सच्चे गुरु की खोज करके, उनसे रास्ता लेकर दिन-रात भजन करेंगे, प्रभु आपको कभी नहीं भूलेंगे, आपको पुकारते रहेंगे, धरती पर रहते हुए भी आपके पास आते-जाते रहेंगे। लेकिन बाहर निकल कर अपने वादे को, मौत को और सदैव मददगार प्रभु को ही भूल गए जो सत्य है। याद रखो मौत एक दिन आनी ही आनी है।
इस दुनिया संसार को मृत्युलोक कहते है
इस मृत्यु लोक में जो जन्मा है, सबको मरना पड़ता है। सांस की दौलत गिन करके खर्च करने के लिए मिली है। समय पूरा होने के बाद शरीर गिर पड़ेगा फिर तो नर्क में सजा मिलती है। वहां से जब छुटकारा मिलता है तो कीड़ा मकोड़ा सांप गोजर बिच्छू के शरीर में डाल दिया जाता है। फिर गाय और बैल के योनि के बाद मनुष्य शरीर मिला करता है। शरीर छूटने के बाद माफ़ी नहीं मिलती है, कर्मों के अनुसार नरकों में सजा मिलती है। अबकी चूके तो फिर बहुत समय लग जायेगा।
समरथ गुरु के बताये उपाय, साधना को जिन्होंने किया वो उपरी लोकों में जाकर वहां की शक्तियां अपने अंदर ले आए
मनुष्य शरीर प्राप्त करने के लिए देवता 24 घंटा तरसते रहते हैं क्योंकि वो अपने स्वर्ग बैकुंठ के लोकों से उपर नहीं आ-जा सकते। लेकिन आप अगर चाहो तो स्वर्ग, बैकुंठ में और उससे उपर के लोकों में आ जा सकते हो। इसलिए जिन्होंने उपाय जाना, उपाय किया वो ऊपर के लोकों में गए, वह ऊपर के लोकों की शक्तियां अपने अंदर ले आए। इसी मनुष्य शरीर के अंदर में देवी-देवताओं का दर्शन हो सकता है, वेदवाणी अनहद वाणी, ऊपर के लोकों की आवाज सुनाई पड़ सकती है लेकिन जब कोई जानकार समरथ गुरु मिले तभी यह संभव हो सकता है। इस समय बहुत से गुरु हैं लेकिन जिनको जितनी जानकारी होती है, उतनी ही बात वह बताते हैं। आंख बंद करने पर अंधेरा हो जाता है लेकिन आंख बंद करने पर अंतर में जो उजाला प्रकट कर दे, वह समरथ गुरु हुआ करता है।
बाबा जयगुरुदेव जी, बाबा उमाकान्त जी के लिए ही हुकुम करके गए
गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव नाम से प्रसिद्ध थे। इन्होंने बहुत से लोगों को भगवान से मिलने का रास्ता बताया। जो लोग उस रास्ते पर चले, घर में ही बैठ करके थोड़ी देर साधना किये, उनको देवी-देवताओं और भगवान का दर्शन हुआ। अब वह दुनिया संसार में नहीं रहे, शरीर छोड़कर के चले गए, लेकिन जाने से पहले मेरे लिए हुकुम करके गए थे कि अब ये लोगों को भगवान के मिलने का रास्ता बताएंगे। मैं इस समय पर घूम-घूम कर जगह-जगह पर जाकर वही नाम जो गुरूजी लोगों को बताते थे, वहीं नाम अब लोगों को बताता हूं। आज आप लोगों को भी वो गुप्त पांच नाम बताऊंगा। यदि आप विश्वास के साथ करोगे तो आपको हर तरह से फायदा दिखाई पड़ेगा।
मांसाहार, नशाखोरी ही अपराध, भ्रष्टाचार को बढ़ाते है
जो लोग तकलीफ में है किसी भी तरह की बीमारी, टेंशन या कोई भी परेशानी रहती है, जयगुरुदेव नाम ध्वनि करने लगोगे तो फायदा दिखने लगेगा। मांसाहार और नशाखोरी, भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ाता है। मांसाहारी शराबी ही प्रकृति भगवान के नियम को तोड़ते हैं। कुदरत है नाराज खड़ी, आगे बड़ी-बड़ी तबाही आ रही है।