धर्म सत्संग: निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने जयपुर में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि यह देव दुर्लभ मनुष्य शरीर है। देवता इसको प्राप्त करने के लिए 24 घंटे तरसते रहते हैं, कि थोड़े समय के लिए हमको मनुष्य शरीर मिल जाता तो हम अपना असला काम बना लेते। सोचो जिनको आप मंदिर में, मस्जिद में ,पेड़-पौधों को पूज करके उसमें देवता से कुछ इच्छा रखते हो कि इसमें देवता हमको देंगे, वो आपके शरीर के लिए, देवी-देवताओं ब्रह्मा विष्णु महेश अंड पिंड ब्रह्मांड आदि सबके मालिक से मांगते रहते हैं कि हमको मनुष्य शरीर मिल जाए जिससे हमें स्वर्ग बैकुंठ से (नीचे मृत्युलोक में) आ करके दोबारा यहां की तकलीफ न झेलना पड़े। तो अब सोचो कि आप अपनी आत्मा के लिए क्या कर रहे हो। आप अपने शरीर के लिए तो सब कुछ कर रहे, सारा सामान इकट्ठा कर रहे हो लेकिन अपनी आत्मा के लिए कुछ नहीं कर रहे हो। आत्मा ही खास चीज है। परमात्मा की अंश आत्मा निकल जाने पर शरीर की कोई कीमत नहीं रह जाएगी।

ध्यान लगाओगे तो अंदर में देवी-देवता भगवान दिखेंगे

महाराज जी ने पांडूना उदयपुर में भारी बारिश के बावजूद दिए सतसंग में बताया कि जब आप ध्यान लगाओगे तो आपको अंदर में कुछ दिखाई सुनाई पड़ेगा। आप जिन्हें देवी-देवता भगवान कहते हो वो अंदर में दिखाई पड़ेंगे। उनके रूप को जब देखोगे, उनकी बोली को जब सुनोगे तो बहुत खुश हो जाओगे। जैसे कोई घर परिवार का सदस्य या कोई प्रिय रिश्तेदार कई दिनों के बाद आता है तो उसे देख कर खुश हो जाते हो, ऐसे ही आप लोग उन्हीं प्रभु के पास से आये हो। जब आप उनको देखोगे तो बहुत खुश हो जाओगे और खुश हो करके दूसरों को बताने लगोगे। जैसे खुश होकर पड़ोसियों को बताते हो कि देखो यह हमारे भाई, हमारा बेटा आ गया, ऐसे बताने लगोगे कि हमको इस तरह की उनकी बोली, आवाज अंतर में सुनाई पड़ रही है तैसे ही वह बंद हो जाएगा। उसको लुटाना मत। वह अंतर की दौलत आपको मिले तो उसको किसी को मत बताना, अपने पास (छिपाए) रखना। जैसे रुपैया पैसा कोई किसी को देता है तो कहता है कि संभाल करके रखना, मुसीबत में, गाढ़े समय में काम आएगा। ऐसे ही यह भी ऐसी चीज है कि इसको अपने अंदर छिपा करके रखोगे तो आपकी बराबर मदद करते रहेंगे। आपको खजाना मिल जाएगा। यह रुपैया पैसा का खजाना नहीं, वह दुनिया बनाने वाला मिल जाएगा जिसके पास सब कुछ है। आप गलती क्या करते हो? थोड़ी सी दौलत आपको मिलने लगती है और आप लोगों को बताने लगते हो। बस आपकी दौलत लुट जाती है, चल जाती है। तो कुछ भी अंदर में दिखाई सुनाई पड़े तो किसी को बताना मत।

कलयुग में मालिक का मिलना आसान है

महाराज जी ने सायं साबरकांठा (गुजरात) में बताया कि लगे रहोगे, करते रहोगे तो मिल जाएगा। फिर कोई बड़ी चीज नहीं है। कलयुग में आटा दाल का मिलना कठिन है लेकिन मालिक का मिलना आसान है। युक्ति मालूम हो जाए, उस मालिक के प्रति लगन लग जाए तब मिल जाएगा, वह भाव से भक्ति से मिलेगा जो अभी आपको बताया।

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