लखनऊ (जीके न्यूज)। लोकतंत्र ने हमें खुली बहस का अधिकार दिया है। लोकतंत्र हमारी संस्कृति का अंग है और संसदीय लोकतंत्र विश्व में सबसे समृद्ध लोकतंत्र है। सूचना का अधिकार हमारा मौलिक अधिकार है क्योंकि यह अधिकार अभिव्यक्ति के अधिकार के अंतर्गत आता है,और इसके लिए हम सरकार और न्यायालय से गुहार लगा सकते हैं।

सूचना का अधिकार एक बौद्धिक हथियार है। ये बातें बुधवार को बीबीएयू विवी में मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त, उत्तर प्रदेश सुभाष चंद्र सिंह ने कही। मौका था बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग की ओर से विशेष व्याख्यान श्रृंखला – 2023 के अंतर्गत “लोकतंत्र एवं सूचना का अधिकार” विषय पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम का।

उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार भ्रष्टाचार उजागर करने का सबसे मजबूत हथियार है। किसी भी सरकारी विभाग का जन सूचना अधिकारी सूचना उपलब्ध कराने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है। ऐसा न करने की स्थिति में दंड के प्रावधान भी हैं। इस संबंध में सूचना आयोग की भूमिका पर भी प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि जब जन सूचना अधिकारी सूचना उपलब्ध न कराए तो सूचना आयोग इसमें मदद करता है। उन्होंने धाराओं के माध्यम से आरटीआई लगाने और सूचना आयोग तक जाने से संबंधित सभी चरणों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गोपाल सिंह,गोविंद ,सनातन नायक, डॉ सुरेंद्र मेहेर, डॉ रचना गंगवार, डॉ महेंद्र कुमार पाधी, डॉ अरविंद कुमार,डॉ कुंवर सुरेंद्र बहादुर समेत कई शिक्षक और विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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