लखनऊ : पूरे उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस विवाद को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस बीच समाजवादी पार्टी ने पूर्व प्रवक्ता और राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य रोली तिवारी मिश्रा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उनके निष्कासन को लेकर पार्टी ने कोई वजह नहीं बताई है। हालांकि उनके निष्कासन को पार्टी लाइन से हटकर रामचरित मानस के सम्मान में यात्रा निकालने की घोषणा से जोड़ा जा रहा है।

बतादें पिछले दिनों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी का रोली तिवारी और ऋचा सिंह ने जमकर विरोध किया। सोशल मीडिया पर पोस्ट की। जिसके बाद बृहस्पतिवार को उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया।

पार्टी से निकाले जाने का नहीं है दुख- रोली तिवारी
रोली तिवारी का कहना है कि वह राम में आस्था रखती हैं। 16 वर्षों से पार्टी की कार्यकर्ता थीं। उन्हें निकाले जाने का दुख नहीं। उन्होंने कहा जो राम चाहेंगे अब वही होगा।

सपा में लोकतंत्र नहीं है:- ऋचा सिंह
“सपा में लोकतंत्र नहीं है, मैंने भगवान राम का नाम लिया, रामचरित मानस का समर्थन किया, इसलिए मुझे निकाला गया। ऋचा सिंह ने कहा रामचरित मानस पर जो नेता टिप्पणी कर रहे थे उनका विरोध करने के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया अगर भगवान राम और राम चरित मानस के लिए ये सज़ा मिली है तो सज़ा कुबूल है। वहीं, जिलाध्यक्ष लाल सिंह लोधी का कहना है कि पार्टी ने पूर्व में ही धार्मिक बयानबाजी को प्रतिबंधित किया था। सभी नेताओं को हिदायत दी गई थी। उसके बावजूद पूर्व प्रवक्ता ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिए।

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