लखनऊ : राजधानी लखनऊ में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में शिवाजी की जयंती मनाने से छात्रों को रोक दिया गया। जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ छात्र शिवाजी की तस्वीर लगाकर खड़े हुए हैं। इस बीच हॉस्टल प्रशासन के वार्डन डॉ. आजम अंसारी वहां आ गए, और छात्रों को रोक दिया।

आजम अंसारी ने छात्रों से कहा कि वह बिना अनुमति के यहां पर शिवाजी जयंती नहीं मना सकते हैं। अगर शिवाजी जयंती मनानी है तो किसी पंडाल में जाकर मना सकते हैं। हॉस्टल वार्डन के मना करने के बाद आक्रोशित छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद छात्रों और वार्डन में नोकझोंक भी हुई। विवाद बढ़ता देख विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर नीरज शुक्ला मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों से बात की। फिर हॉस्टल के कमरे के अंदर जयंती मनाने की अनुमति दी। इसके बाद सभी छात्रों ने मिलकर शिवाजी की जयंती मनाई।

कुलपति ने की कार्रवाई:-
प्रॉक्टर प्रो. नीरज शुक्ला ने बताया कि छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली थी। कार्यक्रम करने से शांति भंग हो सकती थी, इसलिए उन्हें रोका गया। छात्रों का कहना है कि शिवाजी महाराज की जयंती मनाना कहां गलत है। इसके लिए परमिशन कहां मिलती है। बेवजह विश्वविद्यालय प्रशासन अड़ा हुआ था। शिवाजी ने मुगलों के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी। उनका पूरा जीवन देश के लिए लड़ते-लड़ते गुजरा। छात्रों ने आरोप लगते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें धमकी दी कि अगर चुप नहीं हुए तो सबको नोटिस भेज दिया जाएगा। इस घटना से आहत होकर कई छात्र मंगलवार को प्रशासनिक भवन कुलपति कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की। कुलपति ने छात्रों से बातचीत कर वार्डन को हटाने का आदेश जारी कर दिया।

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