धर्म कर्म: इस वक़्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने सांय उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि गुरु महाराज (बाबा जयगुरुदेव) के भंडारे का हर महीने का यह कार्यक्रम चालू हो गया है। कुछ न कुछ उस दिन जरूर बनाओ, खाओ। नहीं है तो कम से कम दो ही आदमी को खिला दो, बांट दो, बुलाकर के खिला दो। भंडारा का यह कार्यक्रम आप लोग चलाओ। गुरु महाराज उस दिन याद रहेंगे, लोग खायेंगे, बताओगे हमारे गुरु महाराज ऐसे थे। उन्होंने कृष्ण पक्ष त्रियोदशी को शरीर छोड़ा था। ये भंडारे का, गुरु महाराज का प्रसाद है। यह तो बराबर चलता रहेगा। त्रियोदशी पर कहीं भी रहूँ, समय परिस्थिति अनुकूल रहने, काल के बनाए हुए इस शरीर को बाधा नहीं रहने पर मैं सतसंग, नाम दान दे देता हूं।

मेहनत करने वाले को सब प्रेम करते हैं

महाराज जी ने आश्रम जोधपुर (राजस्थान) में बताया कि मेहनत करने वाला सबको प्यारा लगता है। घर में जो बच्चा ज्यादा मेहनत करता, दौड़-धूप करता है, बाप उसी को घर का मालिक बना देता है। कहते हैं- काम प्यारा है, चाम (चमड़ी) प्यारा नहीं है। तो कोई कितना भी सुंदर सुडौल हो लेकिन घर में लड़का बैठा रहता हो, कुछ काम न करता हो, उसे कोई प्यार नहीं करता है। और मेहनती बच्चा चाहे काला कलुटा, कुरूपी हो, उसे सब प्यार करते हैं।

 

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