लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश से जहाँ एक ओर लोगों को तपती गर्मी से राहत मिली है वहीँ दूसरी ओर इससे किसानो को बेहद नुकसान हुआ है। प्रदेश में पिछले तीन दिनों की बारिश व ओलावृष्टि से करीब 19 हजार किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं। ऐसे में सरकार ने मुआवजा देने की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसके लिए सरकार ने 13 करोड़ से ज्यादा की राशि मंजूर की है। लेकिन ऐसे किसानों में मायूसी है, जिनकी फसल 33 फीसदी से कम बर्बाद हुई है। वे मुआवजे के फॉमूले पर सवाल उठा रहे हैं।


राहत विभाग के एक अधिकारी मुताबिक, प्रदेश में किसानों की 10 हजार हेक्टेयर से अधिक की फसल बर्बाद हो गई है। प्रदेश के हमीरपुर, ललितपुर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, बरेली व उन्नाव में ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान की बात सामने आई है। जिसका सर्वे चल रहा है। बाकी जिलों के सर्वे में किसानों की फसलों के 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान की पुष्टि हुई है।

नुकसान 32 फीसदी हुआ तो हमारा क्या गुनाह:-
वहीँ दूसरी ओर मिर्जापुर, सोनभद्र व महोबा में भी बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान की बात सामने आई है। लेकिन, इन जिलों में नुकसान 33 फीसदी से कम आंका गया है। ऐसे में यहां के किसान सरकार के फॉर्मूले पर सवाल उठाते हैं। उनक कहना है की, यदि नुकसान केवल 32 फीसदी हुआ है तो उनका क्या गुनाह। सरकार को नुकसान के अनुपात में मुआवजा तय करना चाहिए।

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