लखनऊ: इन दिनों मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव के चलते सरकारी और निजी अस्पतालों में सर्दी-जुकाम और बुखार के पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वहीं,लोगों को इन्फ्लूएंजा एच3एन2 की आशंका के चलते भी अस्पतालों में जांच के लिए आना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि सुबह आठ बजे से ओपीडी शुरू होने से पहले ही लोगों की कतार लग जा रही है।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि इधर कुछ दिनों से मौसम में बदलाव होने से मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है। इनफ्लुएंजा अब अधिक इफेक्टिव नहीं है। मौजूदा समय में यह वायरल की तरह हो गया है। मरीज को 15 से 20 दिन ठीक होने में लग रहा है। इनफ्लुएंजा मरीज के गले के खरास से शुरू होकर बुखार में तब्दील हो रहा है। इस समय ओपीडी में करीब 250 मरीज वायरल बुखार से पीड़ित आ रहे हैं।

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि इस समय वायरल बुखार का सीजन है। इस समय तेजी से मौसम में परिवर्तन हुआ है, कभी ठंडी तो कभी गर्मी होने से लोगों में दिक्कत बढ़ी है। वायरल बुखार के साथ इसके साथ ही इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीज भी आ रहे हैं। जिनकी जांच कराई जा रही है। इसके अलावा लोकबंधु और केजीएमयू में भी मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है। डॉक्टर दो बजे के बाद तक भी ओपीडी में मरीजों को देख रहे हैं।

किसी तरह का बुखार होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं
बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि कोविड या इन्फ्लूएंजा के मरीजों को भी बुखार आमतौर पर साधारण बुखार की तरह ही होता है। मौसम की वजह से बुखार होने पर तुरंत ही इलाज करवाना जरूरी है। डाक्टर की सलाह पर ही दवा लेना चाहिए। पीड़ित से हाथ मिलाने, छींकने, नजदीक में रहने से भी वायरल का प्रकोप होने की संभावना रहती है। इसलिए किसी भी वायरल बुखार होने पर ध्यान देने की जरूरत है।

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