UP News: बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव पर विरोध जताते हुए राज्य उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग को तुलनात्मक आंकड़ा भेजा है। उपभोक्ता परिषद का कहना है की, निजीकरण के बाद बिजली की दरों में लगातार बढोत्तरी होनी तय है। इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
यह भी पढ़ें : लखनऊ : बीच सड़क युवक ने रेती गर्दन, पुलिस ने बचाई जान
आयोग को भेजे गए तुलनात्मक आंकड़े में परिषद ने बताया है कि विद्युत वितरण का समानांतर लाइसेंस प्राप्त होने के बाद प्रतिस्पर्धा ही नहीं बढ़ेगी बल्कि बिजली दरों को बढ़ाने का निरंतर प्रयास होगा। आयोग ने आंकड़ों को पेश करते हुए कहा की, मुंबई में हाल ही में जारी टैरिफ में अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड ने घरेलू बिजली की न्यूनतम 100 यूनिट की दर 5.66 रुपये प्रति यूनिट एवं 500 यूनिट से अधिक पर 10.76 रुपया प्रति यूनिट तय किया है। टाटा पावर ने 100 यूनिट पर 4.73 रुपया प्रति यूनिट एवं 500 से अधिक यूनिट की दर 11.63 रुपया प्रति यूनिट तय किया है। अभी तक उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की कंपनियां में 100 यूनिट तक 3.35 रुपया प्रति यूनिट से लेकर 6.50 रुपया प्रति यूनिट अधिकतम दर तय किया गया है। 500 यूनिट से अधिक पर 6.50 रुपया प्रति यूनिट दर तय की गई है। आयोग का कहना है की, निजीकरण के बाद इन दरों में मनमाने तरीके से बढ़ोत्तरी की जाएगी। जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। इसलिए निजीकरण का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। आपको बतादें, परिषद ने निजीकरण के विरोध में याचिका लगाने की तैयारी भी कर ली है।