लखनऊ : राजधानी लखनऊ में फर्जी दस्तावेज के माध्यम से जमीनों की हेराफेरी करने वाले गिरोह को चिनहट पुलिस ने धर दबोचा है। इन लोगों ने मकान खरीदने के नाम पर आईसीआईसीआई बैंक हजरतगंज शाखा से 40.72 लाख रुपए का फर्जी लोन ले रखा था। पुलिस ने फर्जी दस्तावेज से मकान की खरीद फरोख्त कराने वाली मां- बेटी समेत तीन ठगों को गिरफ्तार किया है।

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मिली जानकारी के मुताबिक, इस गिरोह ने 21 जनवरी को एक महिला को खड़ा कर उनके चिनहट स्थित मकान की फर्जी रजिस्ट्री इन्दिरानगर तकरोही निवासी पंखुरी गुप्ता के नाम करवा दी। ठगी की आशंका के बाद पीड़िता ने पुलिस को मामले की शिकायत की। तहरीर के बाद पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। सोमवार को जानकीपुरम सहारा स्टेट निवासी आरती त्रिपाठी, उनकी बेटी राशि और चिनहट के गुलिस्ता कालोनी के अमित यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने बताया कि जालसाजों ने मकान खरीदने के नाम पर आईसीआईसीआई बैंक हजरतगंज शाखा से 40.72 लाख का फर्जी लोन करा लिया। जबकि मकान न तो किसी ने खरीदा और न ही बेचा था। पूछताछ में आरती त्रिपाठी ने बताया कि उसने सरोज वर्मा बनकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर मकान की रजिस्ट्री पंखुड़ी गुप्ता के नाम कर कर दी। पंखुडी कोई और नहीं बल्कि वह उनकी बेटी राशि त्रिपाठी है। इस पूरी जालसाजी में आईसीआईसीआई बैंक हजरतगंज शाखा के फील्ड अफसर विष्णु वर्मा की संलिप्ता भी पाई गई है। जिसकी तलाश में दबिश दी जा रही है। बैंक में फील्ड अफसर के पद पर तैनात विष्णु वर्मा की मदद से यह लोन पास हुआ था। वहीं गिरोह का सरगना गोमतीनगर निवासी देवेश त्रिपाठी है। जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

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