धर्म-कर्म : वक़्त के सन्त सतगुरु पूज्य बाबा उमाकांत जी महाराज ने निजामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के 11वें वार्षिक मार्गदर्शक भंडारा कार्यक्रम में बताया कि आज भी आपातकाल से मिलती जुलती स्थिति है जिसमें घर-घर बीमारियां, तकलीफ, टेंशन, परेशानियां फैली है। देशद्रोहिता का काम करने वाले ज्यादातर नशेड़ी ही होते हैं चाहे धन, बल, पद, प्रतिष्ठा के हो या शराब या मादक पदार्थों के हो। शराब बंदी के लिए बड़ा अभियान चलता है फिर भी देश में शराब बंद नहीं हो पाती है। बाबा जयगुरुदेव जी ने समझा बुझा कर लाखों लोगों की शराब छुड़वा दी, बंदूक की जगह माला पकड़ लिया, अपराधिक प्रवर्ति की जगह धार्मिक बन गए। तो इसी प्रकार वैचारिक क्रांति देश में लाने की जरूरत है।
नौजवानों का चरित्र बिगड़ रहा:-
देश के नौजवानों का खान पान उनका चरित्र बिगाड़ रहा है। जरूरत है की इसे सुधाकर नौजवानों को आगे किया जाए। लोगों को रोजी रोटी मिलने लग जाए, अधिकारियों का सम्मान और बुजुर्गों की कद्र हो, देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाने में मददगार हो जाएं। भारत आध्यात्मिक देश रहा है, रहेगा। अध्यात्म की बेल पूरे विश्व में भारत से ही फैलेगी। उससे ही सब का पेट भरेगा, सब ईश्वर वादी खुदापरस्त होंगे। हम और आप आगे बढ़ेंगे तो श्रेय ले लेंगे नहीं तो कोई और ले लेगा। लोकतंत्र के नाम पर सब एक हो जाएं, एक विचारधारा रखें और योजना बना कर देशहित का काम शुरु किया जाए। अच्छे काम में, भूखे को भोजन, प्यासे को पानी देने में हमारा पूरा सहयोग रहेगा। देश को वापस सोने की चिड़िया बनाने की जरूरत है। अच्छे काम में देश की उन्नति भौतिक और आध्यात्मिक तरक्की के लिए हमारा, हमारी संस्था का और हमारे प्रेमियों का पूरा सहयोग रहेगा। प्रार्थना है कि सब लोग अपने-अपने तौर तरीके से ही सही लेकिन उस प्रभु का ध्यान भजन इबादत पूजा पाठ रोज करो। प्रभु को किसी भी तरह से याद करोगे तो वह सद्बुद्धि देगा। जयगुरुदेव नाम प्रभु का जगाया हुआ पूरी ताकत वाला नाम है, संकट में मददगार है। जयगुरुदेव नाम ध्वनि रोज बोल कर तकलीफ बीमारी संकट में राहत ले लो। बोलो जयगुरुदेव।