Health Tips: मानसिक तनाव के कारण लोग अक्सर घबराहट, चिड़चिड़ापन, काम में मन न लगने और मूड से संबंधित समस्याओं का अनुभव करते हैं। लंबे समय तक अगर यही स्थिति बनी रहे तो शरीर पर इसके कई प्रकार के दुष्प्रभाव दिखने शुरू हो जाते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, क्रोनिक या लंबे समय तक बने रहने वाली तनाव की स्थिति हृदय स्वास्थ्य, रक्तचाप, मांसपेशियों की समस्या, डायबिटीज और कई अन्य तरह की दिक्कतों को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। तो आइए जानते हैं तनाव के कारण शरीर पर होने वाले ऐसे ही कुछ दुष्प्रभावों के बारे में।
हृदय पर इसका असर:-
लंबे समय से बने रहने वाले मानसिक तनाव का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव हृदय पर देखा जाता रहा है। स्ट्रेस की स्थिति में हृदय और अन्य महत्वपूर्ण अंग हाई अलर्ट पर चले जाते हैं, हृदय गति और रक्तचाप बढ़ जाता है।
मांसपेशियों में बढ़ने लगती है दिक्कत:-
मानसिक तनाव बढ़ने पर, मांसपेशियों में जकड़न-कसाव की समस्या शुरू हो जाती है। जिसके कारण माइग्रेन और कंधे या गर्दन में दर्द हो सकता है। स्ट्रेस के कारण बढ़ा हुआ कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर मांसपेशियों के ऊतकों के क्षीण होने का कारण बन सकता है जिसके कारण क्रोनिक दर्द का जोखिम बढ़ जाता है।
हार्मोन इंबैलेंस की दिक्कत:-
इंडोक्राइन सिस्टम का नेटवर्क है जो हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एडर्नल आदि ग्रंथियों से हार्मोन रिलीज कराने में मदद करता है। तनाव की स्थिति में इन हार्मोंन्स के रिलीज होने पर भी असर हो सकता है। शरीर में कई हार्मोंन्स बहुत अधिक या कम हो सकते हैं, जिससे शरीर का पूरा फंक्शन खराब होने लगता है। यह स्थिति डिप्रेशन और पीटीएसडी जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का कारण बन सकती है।
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